नागपुर। भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम के मुख्य तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के दूसरे टी-20 मैच से मैदान पर वापसी कर सकते हैं। एशिया कप के बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मोहाली में सीरीज के पहले मैच में करारी हार के बाद अब टीम के संतुलन पर माथापच्ची और ज्यादा करनी होगी।
विश्व कप शुरू होने में अब ज्यादा समय नहीं है और भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया के बाद दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू टी-20 सीरीज खेलनी है। इसके बाद विश्व कप के दौरान ही अभ्यास मैच मिलेंगे। बुमराह पिछले दो महीने से पीठ की चोट के चलते मैदान से बाहर रहे हैं। अब उनके पास लय हासिल करने के लिए कुछ ही मैच बचे हैं। बुमराह चोट के बाद कैसा प्रदर्शन करते हैं, यह जानने के लिए उन्हें मैदान पर उतारना ही पड़ेगा। पहले मैच में उनको अंतिम एकादश में शामिल नहीं किए जाने पर यह सुगबुगाहट उठी थी कि शायद बुमराह पूरी तरह फिट नहीं हुए हैं।
क्रिकबज की रिपोर्ट के मुताबिक टीम की ओर से यह संकेत आया है कि बुमराह के साथ कोई परेशानी नहीं है और वह 23 सितम्बर को नागपुर में दूसरे टी-20 मुकाबले में खेलते दिखेंगे।
गेंदबाजी संयोजन पर देना होगा खास ध्यान
बुमराह के अलावा भी टीम संयोजन पर, खासकर गेंदबाजी के लिए, ध्यान देना होगा। भुवनेश्वर कुमार एशिया कप के शुरुआती मैचों के बाद पाकिस्तान और श्रीलंका के खिलाफ काफी निराशाजनक गेंदबाजी की थी। हालांकि सुपर-4 के मैच में अफगानिस्तान के खिलाफ उन्होंने करियर बेस्ट गेंदबाजी करते हुए महज चार रन देकर पांच विकेट चटकाए थे। भुवनेश्वर के आत्मविश्वास में इस मैच से वृद्धि होनी चाहिए थी, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के पहले मैच में वह फिर नाकामयाब रहे। वैसे भुवनेश्वर शुरुआती ओवरों में अक्सर काफी घातक साबित होते हैं। ऐसे में उन्हें टीम से बाहर करने का औचित्य तो नहीं दिखता। यह जरूर किया जा सकता है कि 15 ओवरों के भीतर भुवनेश्वर के सभी चार ओवर पूरे करा दिए जाएं। अंतिम पांच ओवर दो पेसर और एक स्पिनर से कराए जा सकते हैं।
बदली परिस्थिति में होगी अहम परीक्षा
काबिलेगौर यह है कि एशिया कप से ऑस्ट्रेलिया तक भारतीय टीम को विफलता लक्ष्य का बचाव करते हुए मिली है। हालांकि एशिया कप के लीग चक्र में भारत ने पाकिस्तान और श्रीलंका दोनों को हराकर शानदार शुरुआत की थी, लेकिन सुपर-4 में पूरा परिदृश्य ही बदल गया। अब यह भी देखना होगा कि लक्ष्य का पीछा करने में भारतीय कितने कारगर होते हैं। मोहाली में ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों की भी अंतिम ओवरों में बेतरह पिटाई हुई थी। खासकर हार्दिक पांड्या ने अंतिम तीन गेंदों पर छक्के जड़कर टीम का स्कोर 200 के पार पहुंचाया था। बाद में गेंदबाजी करने में नमी भी एक वजह होती है, जो बल्लेबाजी कर रही टीम को मदद करती है। हालांकि यह पूरी तरह टॉस पर निर्भर करता है। फिर भी बड़े स्कोर का बचाव करने के लिए मैदान पर ही सटीक रणनीति बन सकती है और उम्मीद है कि पिछले चार-पांच मैचों के अनुभव से भारतीय टीम सीख लेते हुए बेहतर प्रदर्शन करेगी।