नई दिल्ली। दुनियाभर में क्रिकेट को नियंत्रित करने वाले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद को प्रसारण अधिकारों की नीलामी से जुड़े मसले पर करारा झटका लगा है। प्राइसवाटरहाउसकूपर्स ने आईसीसी की नीलामी प्रक्रिया की निगरानी करने से इनकार कर दिया है। इसके बाद आईसीसी प्रसारणकर्ताओं के निशाने पर आ गया है। अब उसपर यह दबाव बन रहा है कि मौजूदा प्रक्रिया को रद कर मीडिया अधिकार बेचने के लिए ई-नीलामी की प्रक्रिया अपनाए।
एक रिपोर्ट के मुताबिक जानकार इसे आईसीसी के लिए बेहद शर्मिंदगी की बात मान रहे है। एक क्रिकेट बोर्ड के अधिकारी ने कहा कै कि यह जो परिस्थिति आई है, इसके लिए किसे जिम्मेदार ठहराया जाएगा। किसने ऐसा नीलामी प्रारूप तैयार किया, जिससे आईसीसी के सामने ऐसी स्थिति पैदा हुई। जिस संस्था के पास अच्छे वकील हों, शीर्ष कॉरपोरेट नेतृत्व और खिलाड़ी सदस्य के रूप में जुड़े हों, उसके लिए यह कहीं से भी अच्छा नहीं कहा जा सकता।
एक अन्य अधिकारी ने इंडियन प्रीमियर लीग के मीडिया अधिकारों की नीलामी का उदाहरण दिया। कहा कि ई-नीलामी के जरिए पूरी प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से अपनाई गई। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने इस पूरी प्रक्रिया में ऐसा कुछ भी नहीं किया, जिसपर सवाल उठाए जा सकें।
मौजूदा प्रक्रिया के मुताबिक प्रसारण अधिकार खरीदने के इच्छुक लोगों को पहले सीलबंद प्रस्ताव देना होता है। अगर इस प्रक्रिया में कोई आपत्ति है तो फिर ई-नीलामी की जाएगी। एक अधिकारी ने कहा कि अगर सीलबंद प्रस्ताव पूरी तरह दुरुस्त है, तो फिर ई-नीलामी में इसमें और क्या बेहतर कर देंगे।
स्थिति यह है कि नीलामी में शामिल वायाकॉम18, डिज्नी स्टार, जी एंटरटेन्मेंट एंटरप्राइजेज लि. और सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया ने साफ कह दिया है कि अगर नीलामी प्रक्रिया पारदर्शी नहीं होगी तो वे इसका बहिष्कार करेंगे। उन्होंने पूरी प्रक्रिया के बीच से प्राइसवाटरहाउसकूपर्स के हटने पर आईसीसी की ओर से स्पष्ट बयान नहीं आने की भी आलोचना की।
सभी प्रस्ताव आईसीसी को 22 अगस्त को दे दिये गये थे। 26 अगस्त को ये आईसीसी की गवर्निंग बॉडी को दे दिए जाएंगे। पहले सभी प्रस्ताव प्राइसवाटरहाउसकूपर्स के ब्रिटेन स्थित कार्यालय में जमा किए जाने थे, लेकिन अब पूरी प्रक्रिया दुबई में ही आईसीसी के मुख्यालय में होगी।