बर्मिंघम। भारतीय महिलाओं ने सांस रोक देने वाले मैच में शनिवार को इंग्लैंड को सात रन से हराकर राष्ट्रमंडल खेलों के फाइनल में प्रवेश कर लिया। इसके साथ ही भारत का एक पदक पक्का हो गया। भारत के 164 रन के मुकाबले इंग्लैंड की टीम 160 रन ही बना सकी। एक समय इंग्लैंड जीत की स्थिति में पहुंच गया था।
अंतिम ओवर में इंग्लैंड को जीत के लिए 14 रन बनाने थे। इंग्लैंड को रोकने की जिम्मेदारी कप्तान हरमनप्रीत ने स्नेह राणा को दी। इस ओवर में एक विकेट लेने के साथ ही स्नेह ने 10 रन दिए और टीम को चार रन से जीत दिला दी। अंतिम ओवर में भारत को धीमे ओवर रेट के कारण पेनाल्टी का भी सामना करना पड़ा। इस ओवर में 30 गज के घेरे के बाहर सिर्फ तीन खिलाड़ियों को ही रखना पड़ा। इसके बावजूद स्नेह ने अपने अनुभव का पूरा इस्तेमाल करते हुए इंग्लैंड की बल्लेबाजों पर अंकुश लगाया। अंतिम गेंद पर इंग्लैंड की बल्लेबाज सोफी एक्लेस्टोन ने छक्का जड़ा, लेकिन इंग्लैंड उस समय जीत से पांच रन दूर था।
इंग्लैंड की शुरुआत काफी अच्छी रही। इस प्रतियोगिता में अबतक शानदार गेंदबाजी कर रही रेणुका सिंह ने खासा निराश किया। उन्होंने तीन ओवरों में 31 रन दिये और एक भी विकेट नहीं लिया। हालांकि दीप्ति शर्मा, स्नेह राणा और पूजा वस्त्रकार ने बीच के ओवरों में अच्छी गेंदबाजी करते हुए इंग्लैंड की बल्लेबाजों को रन बनाने की ज्यादा आजादी नहीं दी। इंग्लैंड के लिए कप्तान नेट स्कीवर ने सबसे ज्यादा 41 रन बनाए।ओपनर डेनी वाएट 35 रन बनाकर आउट हुईं। भारत के लिए स्नेह राणा ने दो विकेट लिए। इंग्लैंड की तीन बल्लेबाज रन आउट हुईं।
इसके पहले स्मृति मंधाना के तूफानी अर्धशतक के बाद जेमिमा रोड्रिग्ज की जिम्मेदारी भरी पारी की बदौलत भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने 20 ओवरों में पांच विकेट पर 164 रन बनाए।
ओपनर मंधाना ने विकेट पर आने के साथ ही ताबड़तोड़ बल्लेबाजी शुरू कर दी थी। उनके खेल का अंदाजा इसी से लग सकता है कि पहले विकेट के लिए उन्होंने शेफाली वर्मा के साथ 76 रन की साझेदारी की और इसमें शेफाली के 15 रन थे। शेफाली इस स्कोर पर आउट हुईं। हालांकि मंधाना भी इसके बाद ज्यादा देर नहीं रुकीं। मंधाना ने 32 गेंदों पर आठ चौके और तीन जानदार छक्कों की मदद से 61 रन बनाए।
इसके बाद जेमिमा रॉड्रिग्ज और दीप्ति शर्मा ने चौथे विकेट के लिए अर्धशतकीय साझेदारी की। दीप्ति 22 गेंदों पर 20 रन बनाकर आउट हुईं। जेमिमा ने 31 गेंदों पर सात चौकों की मदद से 44 रन बनाए। उन्होंने पारी की अंतिम गेंद पर चौका लगाकर भारत का स्कोर 164 रन तक पहुंचाया।