चेन्नई। मेल्टवाटर चैम्पियंस चेस टूर चेसेबल मास्टर्स टूर्नामेंट के फाइनल के दूसरे राउंड में गुरुवार की रात भारत के किशोर ग्रैंडमास्टर आर. प्रज्ञाननंदा ने विश्व के नंबर दो खिलाड़ी चीन के लिंग डिरेन के खिलाफ हल्की मुस्कुराहट के साथ पराजय स्वीकार कर ली।
बुधवार की रात पहले गेम में पिछड़े 16 साल के प्रज्ञाननंदा ने गुरुवार को बेहतरीन खेल का प्रदर्शन करते हुए लिरेन के खिलाफ बराबरी हासिल कर ली। इसके बाद विजेता का फैसला करने के लिए टाईब्रेकर का सहारा लिया गया। टाईब्रेकर के पहले गेम में भाग्य ने लिरेन का साथ दिया और वह विजेता बन गए।
मैच के बाद लिरेन ने भारतीय किशोर की जमकर तारीफ की। इस मैच की कमेंटरी कर रहे ग्रैंडमास्टर डेविड हॉवेल ने कहा कि मैं निःशब्द हूं। प्रज्ञाननंदा के बारे में इस समय सिर्फ इतना ही कह सकता हूं कि वह काफी प्रतिभाशाली है। दूसरे खेलों की तरह 16 साल की उम्र शतरंज में बहुत कम नहीं है। अबतक करीब 40 ऐसे खिलाड़ी हुए, जो ग्रैंडमास्टर बनने के समय 15 वर्ष से कम उम्र के थे। दुनिया में 11वें नंबर के प्रज्ञाननंदा उनमें एक हैं।
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