लंदन। इन दिनों सीमित ओवरों के क्रिकेट, खासकर टी-20 मैचों का चलन जिस तरह बढ़ रहा है, उससे टेस्ट मैच क्रिकेट के सामने बड़ा खतरा उत्पन्न हो गया है। इसपर चिंता जाहिर करते हुए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के अध्यक्ष ग्रेग बर्कले ने कहा कि अगले 10 वर्षों में टेस्ट क्रिकेट मैचों की संख्या काफी कम हो सकती है।
इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच तीन टेस्ट मैचों की शृंखला के पहले मैच के दौरान बीबीसी से बात करते हुए बर्कले ने कहा कि घरेलू टी-20 लीग मैचों ने देशों के बीच द्विपक्षीय शृंखलाओं पर खराब असर डाला है। उन्होंने कहा कि आईसीसी के लिए फ्यूचर टूर प्रोग्राम तय करना बड़ी चुनौती बनता जा रहा है।
बर्कले ने कहा कि इन दिनों पुरुषों के अलावा महिलाओं के भी टूर्नामेंट काफी अधिक हो रहे हैं। घरेलू लीग की बढ़ती संख्या ने सबसे अधिक असर द्विपक्षीय शृंखलाओं पर डाला है। इनके मैचों की संख्या कम हो रही है। खासकर टेस्ट मैचों की। इससे उन देशों को ज्यादा नुकसान हो रहा है, जो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड जैसी टीमों के खिलाफ टेस्ट मैच खेलकर खुद की प्रतिभा दिखाने की अपेक्षा रखते हैं। हालांकि इन तीनों बड़ी क्रिकेट ताकतों पर इसका कोई प्रभाव नहीं होगा।
बर्कले ने महिला क्रिकेट टीमों के बीच टेस्ट मैचों के आयोजन पर कहा कि इसके लिए घरेलू स्तर पर चार या पांच दिन के मैच कराना जरूरी होता है, ताकि खिलाड़ी उसके मुताबिक खुद को ढाल सकें। हालांकि मुझे नहीं लगता कि किसी भी देश में महिलाओं के लिए ऐसा कोई टूर्नामेंट कराया जाता होगा।
फोटो- सौजन्य गूगल
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“That’s the game that’s sought after by fans, that’s where the broadcasters are putting their resource, it’s what’s driving the money,” Barclay concluded.