काशी-तमिल संगमम
वाराणसी। केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा है कि काशी तमिल संगमम राष्ट्रीय शिक्षा नीति में तय उद्देश्यों को साकार करने का एक सशक्त माध्यम बन रहा है। संगमम में सोमवार को सांस्कृतिक संध्या को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस आयोजन के दौरान युवाओं को भारत की प्राचीन और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के विभिन्न पहलुओं से रूबरू होने का अवसर तो मिल ही रहा है, साथ ही साथ भारतीय ज्ञान परंपरा के विविध आयामों से भी वे अवगत हो रहे हैं, जो नई शिक्षा नीति की मूल भावना के अनुरूप है।
शिक्षा राज्य मंत्री ने महाकवि सुब्रमण्य भारती की कविता “हमारा भारत सबसे महान है” को उद्धृत करते हुए कहा कि काशी तमिल संगमम आपस में मज़बूती से जुड़ी काशी और तमिलनाडु की संस्कृतियों को आम जन के सामने प्रस्तुत कर रहा है और एक भारत श्रेष्ठ भारत की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना को मूर्त रूप प्रदान कर रहा है। उन्होंने संगमम के भव्य व सफल आयोजन के लिए प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार जताया तथा शानदार मेज़बानी के लिए बीएचयू तथा आईआईटी मद्रास की प्रशंसा की।
विशिष्ट अतिथि उत्तर प्रदेश के वन एवं पर्यावरण, जन्तु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अरुण कुमार सक्सेना ने कहा कि यह कार्यक्रम भारतीयों की एकता व एकात्मता के भाव को प्रदर्शित कर रहा है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु की महान व समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के विविध पहलुओं से आज काशी वासी तथा आम जन अवगत हो रहे हैं, यह काशी तमिल संगमम द्वारा ही संभव हो पाया है।
विशिष्ट अतिथि पूर्व सांसद सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि भारत के विभिन्न भागों में रहने वाले लोग भले ही अलग अलग भाषाएं बोलते हों, अलग अलग मान्यताएं अथवा धर्म के हों, परन्तु सांस्कृतिक रूप से हम सब एक हैं क्योंकि हमारी जड़ें समान हैं। उन्होंने कहा कि सभी भारतवासी सदा से एक रहे हैं व सदैव एक रहेंगे और कोई भी प्रयास व ताकत इन्हें बांट नहीं सकती।

कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने मुख्य अतिथि शिक्षा राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी का स्वागत किया तथा उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किया। इससे पहले शिक्षा राज्य मंत्री ने एम्फिथियेटर मैदान पर लगाई गई विभिन्न प्रदर्शनियों का अवलोकन किया। उन्होंने पुस्तक प्रदर्शनी, कलाकृतियों की प्रदर्शनी, तमिलनाडु व काशी की संस्कृति को दर्शाती चित्र प्रदर्शनी आदि को देखा उनकी सराहना की। उनके साथ कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन, तथा वन एवं पर्यावरण, जन्तु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), उत्तर प्रदेश सरकार अरुण कुमार सक्सेना, भारतीय भाषा समिति के अध्यक्ष पद्मश्री से सम्मानित चमू कृष्ण शास्त्री समेत अनेक अधिकारीगण उपस्थित रहे।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों से श्रोता मंत्र मुग्ध

काशी तमिल संगमम के दौरान सोमवार को आयोजित सांस्कृतिक संध्या में गायन, वादन एवं नृत्य की मनोहारी प्रस्तुति से श्रोता मंत्रमुग्ध हुए। बीएचयू के डॉ. पंकज शर्मा एवं उनके सहायोगी कलाकारों के प्रस्तुत लोकगीत “हमरी अटरिया पे, आजा रे सांवरिया” की प्रस्तुति पर श्रोता झूम उठे। बीएचयू की डॉ. तनुश्री राय ने भक्ति एवं लोक संगीत गीत प्रस्तुत किये। जवाहर नवोदय विद्यालय, सोनभद्र, के विद्यार्थियों की शिव तांडव की प्रस्तुति से पूरा सभागार शिवमय हो उठा। जवाहर नवोदय विद्यालय भदोही की छात्राओं ने तमिलनाडु के लोक नृत्य की प्रस्तुति दी। अगली प्रस्तुति में तुदुम्बट्टम के. भास्कर एवं उनके साथी कलाकारों ने पेश किया। ऐतिहासिक नाटक वल्ली थिरुमानम, साथियावन सावित्री और कोवलन संगीत नाटक की प्रस्तुति आरएम बालासुब्रमण्यन, एमआरएम नतागा मंद्रम, पलामेडु, वडिपट्टी, मदुरल एवं उनके समूह ने किया। पट्टीमंद्रम, वलक्कडू मंद्रम और कवि आरंगम पाल गांधी और टीम, कोठमंगलम, शिवगंगा की हुई। कैलासवद्यम के शिवकुमार एवं उनके साथी कलाकारों नेर भी प्रस्तुति दी।