वाराणसी। छात्र कल्याण परिषद की ओर से परिसर स्थित महिला महाविद्यालय में गुरुवार को छात्राओं को योगाभ्यास कराया गया। योग के बारे में भारत अध्ययन केंद्र की शताब्दी विजिटिंग फेलो डॉ. गीता योगेश भट्ट ने छात्राओं को योगाभ्यास कराने के साथ ही उन्हें इसके फायदे बताए।
स्वस्ति कुंज हॉस्टल के कॉमन हॉल में आयोजित सत्र में डॉ. भट्ट ने कहा कि योग भारतीय दर्शन में निहित एक प्राचीन प्रथा है। हालांकि यह एक साधना के रूप में शुरू होता है, लेकिन अब यह शारीरिक और मनसिक कल्याण को बढ़ावा देने के लिए एक तरीके के रूप में लोकप्रिय हो गया है। डॉ. भट्ट ने सत्र की शुरुात योग का अर्थ यानी आत्मा और ब्रह्मांड के बीच सम्बन्ध की व्याख्या की। उन्होंने मन, बुद्धि और अहंकार के असंतुलन के बारे में बात की, जिससे जीवन में विभिन्न प्रकार के तनाव पैदा होते हैं।
डॉ. भट्ट ने विभिन्न भावनात्मक चुनौतियों के बारे में भी बताया, जिनका हमारे छात्र पोस्ट कोविड अवधि में सामना कर रहे हैं। उन्होंने तनाव, चिंता और विभिन्न मानसिक अवस्थाओं से निपटने में योग के लाभों का परिचय दिया। उन्होंने छत्रों को शारीरिक, मानसिक और शैक्षणिक कल्याण को बढ़ाने में योग, एकाग्रता, ध्यान की भूमिका भी समझाई, ताकि वे शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए योग का उपयोग कर सकें। डॉ. भट्ट ने छात्राओं के साथ योग मुद्रा और ध्यान पर एक अभ्यास सत्र भी आयोजित किया।