वाराणसी। हमें भारत में ग्रामीण परिवर्तन आंदोलन के लिए सोच और मानसिकता में बदलाव लाना चाहिए, जो वैश्विक स्तर पर सतत विकास के लिए मॉडल के रूप में काम कर सके। ग्रामीणों को भी दूसरों की तरह गुणवत्तापूर्ण जीवन जीने के लिए समान अवसर मिलना चाहिए।
बीएचयू के प्रबंध शास्त्र संस्थान की ओर से आयोजित सातवें आदर्श ग्राम सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने शुक्रवार को बतौर मुख्य अतिथि यह बात कही। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ने पहली बार प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद कहा था कि मेरी सरकार गांव, गरीब, मजदूरों के लिए समर्पित है। शाही ने कहा कि प्रधानमंत्री पिछले आठ साल से इस संकल्प को निभा रहे हैं। कृषि मंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था के विकास के लिए ग्रामीण समावेशन काफी जरूरी है। ग्रामीण भारत को बदलने के लिए जमीनी स्तर पर काम करना होगा।
सम्मेलन की शुरुआत में संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के प्रो. पतंजलि मिश्र ने मंगलाचरण की प्रस्तुति की। प्रो. संगीता पंडित और उनकी टीम ने कुलगीत प्रस्तुत कुया। संस्थान के निदेशक प्रो. एसके दुबे ने अतिथियों का स्वागत किया।
प्रो. आनंद ने कहा कि सम्मेलन के लिए जुटाई गई धनराशि वैश्विक स्तर पर ग्रामीण समुदायों और अर्थव्यवस्थाओं के विकास के लिए समर्पित एक स्थाई संगठनात्मक संरचना बनाने और इसे बढ़ावा देने में मदद करेगी। एचसीएल ग्रुप, व्हील्स ग्लोबल फाउंडेशन के सह संस्थापक अर्जुन मेहरोत्रा ने बताया कि उनका फाउंडेशन ग्रामीण विकास में प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रहा है।
बीएचयू के कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने कहा कि विश्वविद्यालय समाज की बेहतरी के लिए हमेशा तैयार है। उद्घाटन सत्र के अंत में प्रबंध संस्थान के डीन प्रो. एचपी माथुर ने आभार व्यक्त किया। संचालन महिला महाविद्यालय की डॉ. पद्मिनी रवींद्रनाथन ने किया।