वाराणसी। बीएचयू के वैदिक विज्ञान केंद्र की ओर से प्रकाशित छमाही शोध पत्रिका “वेदविज्ञानभास्वती” के प्रवेशांक का लोकार्पण बुधवार को सुबह 11.30 बजे केंद्रीय कार्यालय में कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने किया।
इस अवसर पर केंद्र के मानित आचार्य प्रो. हृदयरंजन शर्मा, भारत अध्ययन केंद्र के समन्वयक प्रो. सदाशिव द्विवेदी, केंद्र के समन्वयक प्रो. उपेंद्र कुमार त्रिपाठी, भूगर्भ विज्ञान के प्रो. विन्ध्याचल पांडेय, पत्रिका के अतिथि संपादक डॉ. दयाशंकर त्रिपाठी,केंद्र के विजिटिंग फेलो कंप्यूटर लिंग्विस्टिक डॉ. मिश्र मौजूद रहे। “वेदविज्ञानभास्वती” का वर्ष में दो बार प्रकाशन किया जाना है। पत्रका में देश के प्रख्यात वैदिक और आधुनिक विद्वानों के लेख प्रकाशित किये गए हैं। इन लेखों के जरिये वेदों में निहित ज्ञान-विज्ञान को जन सामान्य के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है।
पत्रिका 169 पृष्ठ की है। इसमें कुल 16 लेख प्रकाशित किये गए हैं। इसमें प्रकाशित शोधपत्र उच्चस्तरीय हैं और हिन्दी, संस्कृत तथा अंग्रेजी में मुद्रित हैं। लेखों में मुख्य रूप से वैदिक चेतना विज्ञान, वैदिक नदी विज्ञान, भाषा का अवतरण, आधुनिक वैज्ञानिक अनुसंधानों के मूल में है। वैदिक विज्ञान, वेद ेमं लोकों की माप, भारतीय गणित शास्त्र, पर्यावरण विज्ञान एवं वैदिक चिंतन, भारतीय वैदिक विज्ञान का कालगणना निर्धारण, वैदिक नाड़ी विज्ञान, वैदिक वांग्मय में वर्षा जलचक्र का उल्लेख हिन्दी और संस्कृत में प्रकाशित किया गया है।
दूसरी ओर इंडियन मॉडल ऑफ साइंस ऐंड टेक्नोलॉजी, स्वामी विवेकानंद ऐंड साइंस, इंपैक्ट ऑफ एडॉप्शन ऑफ योग, एंशिएंट इंडियन मैथमैटिक्स, डिसिफरिंग द इंडस वैली वैदिक संस्कृत सिम्बल्स, वैदिक साइंस ऑफ फायरः फ्रॉम डिस्कवरी पॉपुलेशन अंग्रेजी भाषा में मुद्रित है।
ग्रंथ के प्रमुख लेखकों में प्रो. हृदयरंजन शर्मा, प्रो. दीनबंधु पांडेय, डॉ. ओमप्रकाश पांडेय, प्रो. उपेंद्र कुमार त्रिपाठी, संजय गोस्वामी, डॉ. दयाशंकर त्रिपाठी, अनुराग देशापांडे, प्रो. बिशन किशोर, डॉ. जयंद सहस्रबुद्धे, डॉ. हंसमुख अढ़िया, प्रो. बलवंत सिंह राजपूत शामिल हैं।