वाराणसी। बीएचयू के पुरातत्वविदों का दल गुजरात के वडनगर में मिले पुरावशेषों का अध्ययन करने के साथ ही उनकी प्रदर्शनी में भी हिस्सा लेगा। वडनगर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पैतृक गांव है।
प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व विभागाध्यक्ष प्रो. सुमन जैन के नेतृत्व में यह दल 17 मई को वडनगर रवाना होगा। इस दल में 15 शिक्षकों के अलावा 12 शोधार्थी भी शामिल हैं। वडनगर में शोधार्थियों के तैयार किए पोस्टरों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। वहां 18 से 20 मई तक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी भी होगी।
इस दल में प्रो. जैन के साथ प्रो. पीके श्रीवास्तव, प्रो. ओंकार नाथ सिंह, प्रो. ऊषा रानी तिवारी, डॉ. शीतल राणा, डॉ. अशोक कुमार सिंह, डॉ. विनय कुमार, डॉ. अमित कुमार उपाध्याय, डॉ. विकास कुमार सिंह, डॉ. प्रियंका सिंह, डॉ. उमेश कुमार सिंह, डॉ. विनोद कुमार जायसवाल एवं डॉ. विराग गोपाल सोनटक्के, डॉ. रविशंकर, डॉ. उत्तम कुमार द्विवेदी, अनिल कुमार, प्रियंका, विक्की कुमारी, परमदीप पटेल, राहुल कुमार भारती, संध्या विश्वकर्मा, जवा मधुर, प्रतिभा द्विवेदी, देवेन्द्र कुमार एवं अंशुमन माथुर शामिल है। संगोष्ठी में देश-विदेश के लगभग 2000 प्रतिभागी भाग ले रहे है, जिनमें 20 विश्वविद्यालयों का प्रतिनिधित्व है। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य अतीत में वडनगर के उत्खनन से प्राप्त विभिन्न पुरावशेषों की प्रदर्शनी एवं वडनगर के पुरातात्विक विरासत के पटल पर लाना है। इस संगोष्ठी में शोधार्थियों के द्वारा तैयार किये गये पोस्टरो का भी प्रदर्शन होगा जिसमें काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के छह पोस्टरों का शामिल किया गया है।