वाराणसी। जब लोग प्राथमिक चिकित्सा को समझेंगे, तभी जरूरतमंदों की मदद करने की क्षमता हासिल कर सकेगे। यही गुर सिखाने के लिए बीएचयू के कला संकाय के शारीरिक शिक्षा विभाग की ओर से 10 से 14 जून तक कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।
यह जानकारी कार्यशाला के आयोजन सचिव डॉ. अभिषेक वर्मा ने दी। उन्होंने बताया कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य प्रमाणित प्राथमिक चिकित्सा और सीपीआर प्रदाता को बढ़ावा देना है, जो किसी भी ऐसे व्यक्ति को तत्काल सहायता प्रदान करता है जो चोट, बीमारी और ह्यदयाघात जैसी आपातकालीन स्थिति में हो। कार्यशाला का आयोजन बीएचयू के द्रोणाचार्य अवार्डी प्रो. करण सिंह हॉल (सेमिनार हॉल), एवं स्मार्ट क्लास कमरा नंबर पांच में किया जाएगा।
डॉ. वर्मा ने बताया कि इस कार्यशाला में पांच दिनों में कुल 12 सत्र शामिल हैं, जिनमें प्राथमिक चिकित्सा और सीपीआर से सम्बंधित बुनियादी अवधारणाएं शामिल हैं। कार्यशाला में प्रतिभागियों को विशिष्ट परिस्थितियों में कैसे सहायता एवं प्रतिक्रिया का प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिससे उन्हें संकट में लोगों की देखभाल करने में मदद मिलेगी, जब तक मरीज चिकित्सक तय या चिकित्सक मरीज तक न पहुंच जाय। यह उन्हें आपात स्थितियों में सकारात्मक परिणाम एवं अच्छे स्वास्थ्य के साथ किसी के जीवन में बदलाव करने के अवसर प्रदान करता है।
कार्यशाला का उद्घाटन बीएचयू के रजिस्ट्रार प्रो. अरुण कुमार सिंह 10 जून को करेंगे। विशिष्ट अतिथि संयुक्त रजिस्ट्रीर डॉ. संजय कुमार होंगे। कार्यशाला के मुख्य संरक्षक कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन हैं और आयोजन समिति के संरक्षक कला संकाय प्रमुख प्रो. विजय बहादुर सिंह होंगे, जबकि शारीरिक शिक्षा विभागाध्यक्ष प्रो. राजीव व्यास कार्यशाला के निदेशक होंगे। कार्यशाला के सलाहकारों में प्रो. दिलीप कुमार दुरेहा, प्रो. सुषमा घिल्डियाल, प्रो. बीसी कापरी, प्रो. अभिमन्यु सिंह, प्रो. विक्रम सिंह, और प्रो. टी. ओनिमा रेड्डी होंगी। डॉ. अखिल मेहरोत्रा और डॉ. कृष्णकांत संयुक्त सचिव होंगे। कार्यशाला के कोषाध्यक्ष डॉ. प्रदीप सिंह चाहर हैं। आयोजन समिति के अन्य सदस्य डॉ. विनायक कुमार दुबे, डॉ. शैलेश कुमार एवं डॉ. लिनेट खाखा हैं।