वाराणसी। बीएचयू के दृश्य कला संकाय स्थित अहिवासी कला दीर्घा में नगर के युवा एवं चर्चित छायाकार विनय त्रिपाठी की तीन दिवसीय छायाचित्र प्रदर्शनी का गुरुवार को शुभारम्भ हुआ। विनय त्रिपाठी के छायांकन का एक अलग अन्दाज है। वह दिन प्रतिदिन से कोई एक कहानी चुनते हैं और उसके अनुसार अपनी शैली में फोटोग्राफी करते हुये दृश्य भाषा में उस कहानी को कहते हैं।
इस प्रदर्शनी में तीन अलग-अलग कहानियों को आधार बनाकर लगभग 100 छायाचित्र प्रदर्शित किये गये हैं। सभी छायाचित्र विविधरूपा काशी के अलग-अलग रूप को प्रकट करते हैं। सभी छायाचित्र एक दूसरे से अलग होते हुये भी काशी की झलक प्रस्तुत करते हैं। जैसा कि प्रदर्शनी के शीर्षक ‘अनचेंजिंग लॉज ऑफ काशी‘ से ही स्पष्ट हो जाता है। समय के साथ परिवर्तित होते परिवेश के उपरान्त भी काशी की निरन्तरता शाश्वत बनी हुई है। छायाकार ने अपने कैमरे से इस पक्ष को भी उजागर करने का प्रयास किया है। साथ ही वर्तमान में पाश्चात्य और भारतीय संस्कृति के सह-अस्तितव को भी रेखांकित किया है।
प्रदर्शनी का उद्घाटन दृश्य कला संकाय प्रमुख प्रो॰ हीरालाल प्रजापति ने किया। इस अवसर पर चित्रकला के विभागाध्यक्ष प्रो. एस. प्रणाम सिंह, प्रो. डीपी मोहंती, सुरेश्वर त्रिपाठी, मनीष खत्री, आर. गणेशन सहित अनेक प्रख्यात कलाकार, छायाकार, कला समीक्षक, शिक्षकगण तथा विद्यार्थी उपस्थित रहे। प्रदर्शनी समिति के संयोजक डॉ. सुरेश जाँगिड़ ने बताया कि यह प्रदर्शनी दर्शकों के अवलोकनार्थ 30 जुलाई तक नित्य प्रातः 11 से सायं 5 बजे तक खुली रहेगी।