वाराणसी।भारत राष्ट्र की आत्मा उसके सांस्कृतिक विरासत में बसती है ।भारतीय संस्कृति अपने आप में हजारों लाखों वर्षों का इतिहास समेटे है। यही कारण है कि लगातार आक्रमण और विदेशी शासन के बाद भी हमारी संस्कृति संरक्षित और सुरक्षित है।
आजादी का अमृत महोत्सव के तहत बीएचयू में मंगलवार को आयोजित राष्ट्रीय संवाद कार्यक्रम में अरुणाचल प्रदेश के अरुणोदय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीएन शर्मा ने ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि अमृत महोत्सव कार्यक्रम का मूल उद्देश्य भारत के स्वतंत्रता सेनानियों केअमर कीर्ति से युवाओं को परिचित कराना है जिससे वह अपने गौरवशाली राष्ट्र पर गर्व कर सकें और राष्ट्र की बलिवेदी पर अपना सर्वस्व न्योछावर करने के लिए तैयार रह सकें।
मुख्य वक्ता हिंदी विभाग के वरिष्ठ आचार्य और जाने-माने चर्चित कवि प्रो. वशिष्ठ अनूप ने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अनेक साहित्यकारों ने अपनी महती भूमिका निभाई और आज जब राष्ट्र प्रगति के पथ पर अग्रसर है वे अपनी रचनाओं के माध्यम से राष्ट्र के युवाओं में राष्ट्रीय भावना का संचार कर रहे हैं । उन्होंने हाल ही में प्रकाशित अपनी ग़ज़ल संग्रह , गरम रोटी के ऊपर नमक तेल था से कुछेक गजलों की प्रस्तुति की।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग मानव संसाधन विकास केंद्र के निदेशक प्रो. प्रवेश श्रीवास्तव ने अतिथियों का स्वागत किया और राष्ट्रीय संवाद के विषय की उपस्थापना की। उन्होंने कहा कि आज हम सब उन महान स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को याद करते हैं जिन्होंने बिना किसी अपेक्षा के राष्ट्र के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। कार्यक्रम समन्वयक डॉ बाला लखेंद्र ने राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी दी ।
इस अवसर पर डॉ सुतापा दास, डॉ अन्नपूर्णा दीक्षित, डॉ खुशबू, डॉ लाल जी पाल ने विचार व्यक्त किए। संवाद के दौरान प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में सुश्री प्रतिमा यादव, शिवानी चौरसिया, रतिकेश पूर्णोदय, मयंक कुमार, राकेश शुक्ला आदि को सम्मानित किया गया।