मिर्जापुर। प्राकृतिक खेती में गोवंश की भूमिका काफी अहम है। इसके अलावा किसान नई तकनीक का इस्तेमाल करते उपज में वृद्धि कर सकते हैं।
आजादी का अमृत महोत्सव के तहत बीएचयू के मिर्जापुर के बरकछा स्थित दक्षिणी परिसर के कृषि विज्ञान केंद्र में मंगलवार को आयोजित ‘‘किसान भागीदारी प्राथमिकता हमारी’’ विषयक किसान मेला में विशेषज्ञों ने ये बात कही। इसके साथ ही किसानों को मत्स्य पालन की आधुनिक विधियों के बारे में जानकारी दी गई। इस कार्यक्रम में दक्षिणी परिसर के छात्र-छात्राओं समेत 350 किसानों ने सहभागिता की।
कृषि वैज्ञानिकों ने कहा कि आज के समय में आधुनिक तरीके से खेती करना किसानों के लिए फायदेमंद हो सकता है। कम लागत में अधिक उपज कर वे लाभ कमा सकते हैं। बीएचयू की ओर से समय-समय पर किसानों को खेती के आधुनिक तरीकों की जानकारी दी जाती है। इसके अलावा उन्हें उन्नत बीज भी उपलब्ध कराए जाते हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कृषि विज्ञान संस्थान के प्रो. रामकुमार सिंह ने की। स्वागत केन्द्र के अध्यक्ष, प्रो. श्रीराम सिंह ने किया। प्रो. गुरु प्रसाद सिंह, प्रो. संत प्रसाद, डॉ. जय प्रकाश राय, डॉ. सुनील कुमार गोयल, डॉ. एसएन सिंह, मिर्जापुर के मुख्य पशुचिकित्साधिकारी डॉ. ओमप्रकाश सोनकर, मत्स्य विभाग के शिव प्रकाश मिश्र, उप कृषि निदेशक मिर्डॉजापुर अशोक उपाध्याय, जिला उद्यान अधिकारी के प्रतिनिधि पुष्पेन्द्र त्रिपाठी ने किसानों को जानकारियां दीं।
इस मौके पर संतोष विश्वकर्मा, रामलौटन बिन्द, रामवृ़क्ष सिंह, मोती लाल सिंह, डॉ. कंचन पोडवाल, डॉ. मूलचन्द पटेल, डॉ. श्रवण कुमार, श्याम सुन्दर विश्वकर्मा मौजूद रहे। मेले में आये कृषकों में सब्जी के बीज का भी वितरण किया गया। धन्यवाद डॉ. जेपी. राय एवं संचालन डॉ. एसएन सिंह ने किया। कार्यक्रम के आयोजन में केन्द्र के कर्मचारी पंकज कुमार, पंकज सिंह, राजेश कुमार सिंह, हरेन्द्र मौर्या, अमरेश एवं दीनानाथ का सहयोग रहा।