वाराणसी। बीएचयू के कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने कहा है कि सफलता व उत्कृष्टता के पथ पर अग्रसर होने के विद्यार्थियों के प्रयासों में विश्वविद्यालय हरसंभव सहयोग उपलब्ध कराएगा। कुलपति शुक्रवार को महिला महाविद्यालय में नवप्रवेशी छात्राओं के साथ संवाद कर रहे थे।
महाविद्यालय में तकरीबन 90 मिनट चले संवाद के दौरान कुलपति ने छात्राओं को जीवन तथा करियर में प्रगति के मंत्र दिये। उन्होंने छात्राओं से कहा कि यह समय है स्वयं पर ध्यान देने का, कि कैसे अपने व्यक्तित्व व प्रतिभा को और निखारा जाए, क्योंकि स्वंय सशक्त व योग्य हो कर ही हम समाज व देश के लिए सकारात्मक योगदान देने में सक्षम होंगे। उन्होंने कहा कि अच्छी शिक्षा प्राप्त कर केवल अच्छी नौकरी या पद पाना ही विद्यार्थी जीवन का एकमात्र लक्ष्य नहीं होना चाहिए। महत्वपूर्ण यह है कि हम मूल्य परक जीवन जियें तथा सकारात्मक दृष्टिकोण लेकर आगे बढ़ें और यह सोचें कि हम अपने आस पास व समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए क्या कर सकते हैं।
कुलपति ने कहा कि हमें कभी भी वह कार्य नहीं करना चाहिए जिसे करने में हमारा अन्तर्मन साथ न दे। उन्होंने जीवन कौशल के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि इससे न सिर्फ हम मुश्किल परिस्थितियों में संतुलन के साथ व्यवहार कर पाते हैं, बल्कि सभी को साथ लेकर काम करना व आगे बढ़ना भी सीखते हैं। कुलपति ने कहा कि बेहतर जीवन कौशल से हम संस्थान, परिवार, समाज व कार्यस्थल पर दूसरों के साथ बेहतर संबंध बनाए रखने में कामयाब होंगे, जो हमारी प्रगति व उत्थान के लिए महत्वपूर्ण है।
प्रो. जैन ने कहा कि इस दिशा में महिला महाविद्यालय में आरंभ की गई नई पहल का उद्देश्य है कि यहां की छात्राएं देश भर में अपने नेतृत्व व जीवन कौशल के लिए जानी जाएं। विभिन्न विषयों पर छात्राओं के प्रश्नों का उत्तर देते हुए कुलपति ने कहा कि असफलता से आगे बढ़ने का इरादा डिगना नहीं चाहिए। असफलताएं सामान्य बात हैं, लेकिन आवश्यक यह है कि हम उनसे सीखें और नई ऊर्जा के साथ फिर से आगे बढ़ने का प्रयास करें। आत्मविश्वास बढ़ाने संबंधी एक छात्रा के इस सवाल पर कुलपति ने कहा कि अभ्यास हमारे आत्मविश्वास को बढ़ाता है, इसलिए हमें अभ्यास करते रहना चाहिए।
कुलपति का स्वागत करते हुए अपने प्राचार्या प्रो. इनु मेहता ने कहा कि प्रो. जैन के नेतृत्व में महिला महाविद्यालय में अनेक नई पहल आरंभ की गई हैं, जिसका लाभ बड़ी संख्या में छात्राओं को मिल रहा है। ये न सिर्फ उन्हें एक बेहतर विद्यार्थी जीवन के अनुभव करा रहा है, बल्कि भविष्य में एक श्रेष्ठ नागरिक बनने के लिए भी तैयार कर रहा है।
कार्यक्रम का संचालन ड़ॉ. कविता ने किया। कुलगीत की प्रस्तुति मालविका, श्वेता, अभिनव, रिषभ तथा स्तुति द्वारा दी गई। धन्यवाद ज्ञापन प्रो. मिताली देव ने प्रेषित किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में महिला महाविद्यालय के शिक्षक व शिक्षिकाएं, अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।