वाराणसी। उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुनील कुमार जोशी ने कहा कि आयुर्वेद सिद्धांतों की प्रासंगिकता देश-विदेश में लोकप्रिय हो रही है। मर्म चिकित्सा से संबंधित सिद्धांतों के अनुप्रयोग के लिए 14 देशों ने अपनी अभिरुचि दिखाई है। आयुर्वेद निश्चित ही भविष्य के स्वास्थ्य नीतियों के निर्धारण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और इसके सिद्धांत लोगों के स्वास्थ्य की मूलभूत कारण होंगे।
बीएचयू के आयुर्वेद संकाय के सिद्धांत दर्शन विभाग की ओर से केएन उडुप्पा सभागार में आयोजित दो दिवसीय समारोह ‘आयुर्बेसिकन 2022’ के समापन पर मंगलवार को प्रो. जोशी ने बतौर मुख्य अतिथि ये बातें कहीं। समापन कार्यक्रम की अध्यक्षता संकाय प्रमुख प्रो. केएन द्विवेदी ने की।
संगोष्ठी में विभिन्न प्रदेशों के शोध छात्रों ने शोध प्रपत्र प्रस्तुत किए। प्रो. सुनील कुमार जोशी, प्रो. बीके द्विवेदी, प्रो. पीके गोस्वामी, प्रो. विष्णुप्रिया, प्रो. जेएस मुंड एवं प्रो. सीमा द्विवेदी ने पैनल डिस्कशन के माध्यम से गहन मंथन कर निष्कर्ष निष्पादित किये कि आयुर्वेद के सिद्धांतों की शिक्षा जन स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक है। उनके प्रयोग एवं आचरण द्वारा केवल औषधि प्रयोग में भारी कमी लाई जा सकती है, जिससे स्वास्थ्य पर होने वाला अपव्यय में बहुत बड़ी कमी होगी।
विद्वानों ने जनता के हित को ध्यान देते हुए सुनिश्चित किया कि एक ही केंद्र पर सभी चिकित्सा पद्धति हो, जिसमें बीमार व्यक्ति अपने अनुसार पद्धति का चयन कर सके, चीन में भी इसका सफल प्रयोग हो रहा है। प्रो. बीके द्विवेदी ने आयुर्वेद के मेडिकल फिटनेस की परिभाषा बताई। प्रो. सीमा द्विवेदी ने एलोआयुर्वेद, प्रो पीके गोस्वामी ने कोरोनावायरस, इसके इलाज एवं वैक्सीन से उत्पन्न दुष्प्रभावों के लिए प्रभावी आयुर्वेदिक चिकित्सा का उल्लेख किया । दो दिन चले इस संगोष्ठी में कुल 10 वैज्ञानिक सत्रों में 90 शोध पत्र, 15 की नोट लेक्चर तथा विशिष्ट विद्वानों द्वारा 14 प्लेनरी व्याख्यान दिया गया।
कार्यक्रम में सर्वोत्तम शोध पत्रों, श्लोक वाचन, क्विज, पोस्टर प्रेजेंटेशन के प्रतिभागियों को पुरस्कार वितरण किया गयाय़ कार्यक्रम का संचालन प्रो. शोभा भट्ट एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रो. रानी सिंह ने किया। इस कार्यक्रम के संयोजक सचिव डॉ. देवानंद उपाध्याय एवं डॉ. दिनेश मीणा, संयुक्त संयोजक सचिव एसएस यादव रहे। इस कार्यक्रम में वैद्य सुशील दुबे, प्रो. केके पांडे, प्रो. जीएस त्रिपाठी, डॉ. रामानंद तिवारी, डॉ. रोहित शर्मा, डॉ. रिन्ज़िंग लामो, डॉ. सुनील गौतम आदि मौजूद रहे ।