वाराणसी। बीएचयू के विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने वाले अधिकतर विद्यार्थी विश्वविद्यालय परिसर में ही रहना पसंद करते हैं। हालांकि, सभी को छात्रावास आवंटन नहीं हो पाने की वजह से अनेक विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय परिसर से बाहर कमरे/आवास किराये पर लेकर रहना पड़ता है।
बीएचयू छात्रावासों की कमी की चुनौती से निपटने के लिए प्रयासरत है, लेकिन स्थायी समाधान होने तक विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा अन्य भवनों को छात्रावास में परिवर्तित करने की वैकल्पिक व्यवस्थाएं भी की जा रही हैं, जिससे अधिक से अधिक विद्यार्थियों को परिसर में रहने की सुविधा मिल सके। इस संबंध में विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा एक अभिनव पहल की गई है।
कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने विश्वविद्यालय के सलाहकार प्रो. रमेश चंद की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है, जो बीएचयू परिसर से बाहर विद्यार्थियों को रहने की सुविधा प्रदान कर रहे भवनों/लॉज/निजी छात्रावासों/संपत्तियों का दौरा कर उनके संचालकों से बातचीत करेगी। इस दौरान यह समिति इन भवनों में विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध विभिन्न सुविधाओं जैसे सुरक्षा, वातावरण, विश्वविद्यालय परिसर से दूरी, परिवहन/सम्पर्क की सुविधा, किराया/शुल्क, खाने की गुणवत्ता समेत अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं का आंकलन करेगी तथा इस संबंध में अपनी सिफारिशें/सुझाव देगी।
समिति द्वारा दिये गए सुझाव किसी भी विद्यार्थी के लिए बाध्यकारी नहीं होंगे तथा वे अपनी पसंद के अनुरूप रहने के स्थान का चुनाव कर सकते हैं। डॉ. सीमा तिवारी (छात्रावास समन्वयक, महिला महाविद्यालय), डॉ. विजय कुमार सोनकर (मोलिक्यूलर एंड ह्यूमन जेनेटिक्स विभाग, विज्ञान संस्थान), डॉ. आशीष गुप्ता (दृश्य कला संकाय) तथा डॉ. प्रियंका झा (छात्र सलाहकार, सामाजिक विज्ञान संकाय) समिति के सदस्य बनाए गए हैं।