वाराणसी। बीएचयू के कुलपति प्रो. सुधार कुमार जैन ने गुरुवार को विश्वविद्यालय के शिक्षकों को सफलता का मंत्र दिया। उन्होंने कहा कि बीएचयू के संस्थापक महामना मदन मोहन मालवीय जैसा विश्वविद्यालय बनाना चाहते थे, उसमें आज हम किस हद तक सफल हैं, यह अवलोकन करना होगा।
स्वतंत्रता भवन में शिक्षकों से मुखातिब प्रो. जैन ने कहा कि मालवीय जी चाहते थे कि यहां से निकलने वाले छात्र विषय विशेषज्ञ न होकर देश की सेवा के लिए तत्पर हों। हमारा लक्ष्य छात्रों और सिर्फ छात्रों का समग्र विकास होना चाहिए। प्रो. जैन ने आह्वान किया कि सभी शिक्षक मेरे सहयोगी के रूप में विश्वविद्यालय को दुनिया में शीर्ष स्थान की ओर ले जाने का प्रयत्न करें।
प्रो. जैन ने कहा कि एक शिक्षक के रूप में हम सब पर यह बड़ी जिम्मेदारी है कि हम अपने छात्रों की क्षमता बढ़ाएं और उनके लिए मिसाल कायम करें। जब छात्र यहां से पढ़कर निकलें तो वे संवेदनशील, दूसरों के हितों के साझीदार और एक अच्छा मनुष्य बनें।
कुलपति ने कहा कि आज 2020 में नई शिक्षा नीति में हम जो देखते हैं, वह सौ साल से भी ज्यादा समय पहले महामना ने महसूस किया था। अपने इसी दृष्टिकोण के तहत उन्होंने इस विश्वविद्यालय की स्थापना की। आज हमें खुद से यह सवाल करना होगा कि हम महामना के बताए रास्तों पर कितना आगे बढ़े हैं।
किसी विश्वविद्यालय की सफलता के तीन मंत्र
कुलपति प्रो. जैन ने कहा कि किसी भी शिक्षण संस्थान की सफलता के तीन महत्वपूर्ण मंत्र हैं। पहला अच्छी प्रतिभाओं को विश्वविद्यालय से जोड़ें। दूसरा उन्हें सहूलियत से काम करने के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराएं और तीसरा उन्हें अपने से जोड़े रखने के लिए बेहतर कार्यसंस्कृति तैयार करें, जिससे उनका उत्साहवर्धन हो सके। कुलपति ने विश्वविद्यालय परिवार में सामंजस्य बेहतर तालमेल बनाने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने भरोसा दिलाया कि विश्वविद्यालय की तरक्की के लिए किये जा रहे किसी भी काम में पूरा सहयोग देंगे।
तरक्की के लिए सबकी खुशी ज्यादा जरूरी
कुलपति प्रो. जैन ने अपनी बात इस भावना के साथ खत्म की कि कोई भी शैक्षणिक संस्थान तबतक तरक्की नहीं कर सकता, जबतक इससे जुड़े शिक्षक, छात्र और कर्मचारी खुश और संतुष्ट न रहें। इसलिए हम ऐसा वातावरण बनाएं, जिससे विश्वविद्यालय के सभी सदस्य अपना कामकाज कमतर तनाव के साथ पूरा कर सकें।
इस कार्यक्रम का संचालन महिला महाविद्यालय की प्रो. पद्मिनी रवींद्रनाथ ने किया। अर्थशास्त्र विभाग के प्रो. राकेश रमन और इतिहास विभाग के डॉ. आशुतोष कुमार ने कुलपति व शिक्षकों के बीच संवाद का सचालन किया। रेक्टर प्रो. वीके शुक्ल ने आरंभ में लोगों का स्वागत किया। उन्होंने कुलपति प्रो. जैन का संक्षिप्त परिचय भी प्रस्तुत किया। अंत में रेक्टर प्रो. अरुण कुमार सिंह ने आभार व्यक्त किया।