वाराणसी। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (21 जून) के तहत 15 जून को बीएचयू स्थित विश्वनाथ मंदिर परिसर में शिक्षकों, अफसरों, कर्मचारियों और छात्रों ने विशेष सत्र में योगाभ्यास किया।
योग दिवस के पहले जिला प्रशासन की ओर से वाराणसी के विभिन्न पर्यटन स्थलों पर बुधवार को योग की तैयारी की गई थी। इसी क्रम में बीएचयू के विश्वनाथ मंदिर में इसका आयोजन किया गया। बीएचयू के कुलसचिव प्रो. अरुण कुमार सिंह के नेतृत्व में बड़ी संख्या में विद्यार्थियों, योगार्थियों, शिक्षकों, अधिकारियों तथा कर्मचारियों समेत आमजन ने इस कार्यक्रम में शामिल होकर योगासन किया व स्वस्थ शरीर व मन के लिए योग को अपनाने के संकल्प को दोहराया।
मालवीय भवन के मानित निदेशक तथा योग साधना केन्द्र के समन्वयक प्रो. उपेन्द्र पाण्डेय के समन्वय में आयोजित यह कार्यक्रम प्रातः 7 बजे आरंभ हुआ और इसमें 400 से अधिक लोग सम्मिलित हुए। योग साधना केन्द्र के योगाचार्य डॉ. योगेश कुमार भट्ट ने योगार्थियों को विभिन्न आसन व प्राणायाम कराए। इस अवसर पर अपने संबोधन में कुलसचिव ने कहा कि मानव जीवन में योग के महत्व को समझते हुए आज पूरी दुनिया इसे अपना चुकी है। उन्होंने कहा कि एक समय था जब आमजन योग के प्रति जागरूक नहीं थे और खुद हमारे देश में लोगों को योग की अहमियत समझने में थोड़ा समय लगाया। लेकिन ये अत्यंत हर्ष का विषय है कि आज समाज के हर वर्ग व आयु के लोग योग से स्वस्थ व सुखी जीवन जीने के मार्ग पर अग्रसर हो रहे हैं।
धन्यवाद देते हुए मालवीय भवन के मानित निदेशक प्रो. उपेन्द्र पाण्डेय ने बताया कि योग साधना केन्द्र कई दशकों से योग के प्रति जागरूकता फैला रहा है। उन्होंने बताया कि हर वर्ष ढाई से तीन हज़ार योगार्थी योग साधना केन्द्र में चलने वाले योग पाठ्यक्रमों में शामिल होते हैं। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अंतर्गत काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
कार्यक्रम का संचालन सहायक कुलसचिव, सामान्य प्रशासन, अशोक कुमार शर्मा ने किया। इस अवसर पर मुख्य आरक्षाधिकारी प्रो. अभिमन्यु सिंह, संकाय प्रमुख, संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय, प्रो. कमलेश झा, वैदिक विज्ञान केन्द्र के समन्वयक प्रो. उपेन्द्र त्रिपाठी, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी, वाराणसी, द्वारा नामित आचार्य जीतेन्द्र पाण्डेय, राष्ट्रीय सेवा योजना, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, के समन्वयक डॉ. बाला लखेन्द्र, श्री विश्वनाथ मंदिर के मानित व्यवस्थापक डॉ. सुनील कात्यायन समेत विश्वविद्यालय के अनेक अधिकारीगण व शिक्षक उपस्थित रहे।