वाराणसी। छात्राएं इत्र औऱ मसालों के व्यवसाय में भविष्य चुन सकती हैं। भारत में यह सबसे तेजी से बढ़ने वाला व्यवसाय है। इसमें प्रतिवर्ष 50 से 60 फीसदी तक लाभ कमाया जा सकता है।
बीएचयू के महिला महाविद्यालय में मंगलवार को कन्नौज के सुगंध और स्वाद विकास केंद्र के निदेशक शक्ति विनय शुक्ला ने “सुगंध क्षेत्र में करियर और व्यवसाय के अवसर” विषय पर व्याख्यान में कही। उन्होंने अपने साथ लाए अपने केंद्र में बने गुलाब का तेल, चमेली का तेल, इलायची का तेल, लेमन ग्रास तेल, कस्तूरी, बासमती, गरम मसाला, मिट्टी का अत्तर और चंदन के अर्क के साथ तेल, राल, गोंद, ओलियोरेसिन, रेजिनोइड के विभिन्न स्वाद और सुगंध के नमूने छात्राओं के समक्ष प्रस्तुत किए। उन्होने कहा कि भारत मुख्य रूप से सुगंध और स्वाद उद्योगों में वैश्विक मांग को पूरा कर रहा है।
उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. इनु मेहता ने की। वनस्पति विज्ञान विभाग की प्रभारी प्रो. निशि कुमारी ने स्वागत किया। अध्यक्ष एवं समन्वयक, एमएमवी प्लेसमेंट सेल प्रो. ऋचा रघुवंशी ने कार्यक्रम की जानकारी दी।
कार्यक्रम मुख्य रूप से सुगंध क्षेत्र में कैरियर के विकास पर केंद्रित था। सुगंध क्षेत्र में अवसर खोजने के लिए छात्र अत्यधिक उत्साहित थे। अंत में विनय शुक्ल ने एफएफडीसी में उपलब्ध विभिन्न सुविधाओं के उपयोग के बारे में बताया और अपने केंद्र में छात्रों को प्रशिक्षण दौरे की पेशकश की और छात्रों और संकाय सदस्यों के कई संदेहों को भी दूर किया।
प्रो केएन तिवारी ने स्पीकर को मोमेंटो भेंट किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ.. शची सिंह ने किया। कंप्यूटर अनुभाग से डॉ. अवधेश कुमार ने आयोजन के सुचारू संचालन के लिए सभी तकनीकी मुद्दों का प्रबंधन किया। अंत में डॉ. एसके गोंड ने धन्यवाद दिया। कार्यक्रम की रिपोर्ट डॉ. केके चौधरी ने तैयार की। कार्यक्रम के दौरान वनस्पति विज्ञान और अन्य विज्ञान वर्गों के संकाय सदस्य और छात्र भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का रिकॉर्ड किया गया वीडियो निम्न लिंक पर पाया जा सकता है