वाराणसी। कबड्डी अब सामान्य खेल नहीं रह गया है। दुनिया के कई देश इसे खेलते हैं और अब प्रो कबड्डी लीग ने इस खेल की लोकप्रियता को काफी बढ़ा दिया है। इस खेल के कुछ नियम हैं, जिनके बारे में खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों को जानकारी होना जरूरी है। बीएचयू का शारीरिक शिक्षा विभाग इसपर एक कार्यशाला करा रहा है, जिसमें खेल के विशेषज्ञ नियमों की बारीकियों के बारे में जानकारी देंगे।
विश्वविद्यालय के सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय के मीडिया हॉल में यह बात कार्यशाला की आयोजन सचिव डॉ. लिनेट खाखा ने पत्रकारों से साझा की। उन्होंने बताया कि 13 से 17 फरवरी तक होने वाली इस कार्यशाला में कुल 16 सत्र होंगे। इसका उद्देश्य कबड्डी के आधुनिक रुझानों और नए बदलावों को समझना और शारीरिक शिक्षा और खेल को विकसित करना भी एक ग्रामीण पारंपरिक खेल को एक आधुनिक ग्लैमरस ग्लोबल स्पोर्ट्स (पीकेएल) में बदलना है।
कार्यशाला यूपी कबड्डी एसोसिएशन के सहयोग से आयोजित की जाएगी। डॉ. खाखा ने बताया कि कार्यशाला में हम प्रो कबड्डी लीग को समझेंगे, जिसने वर्तमान परिदृश्य में कबड्डी खेल को विकसित करने और बदलने में मदद की। कार्यशाला में ‘प्रो कबड्डी लीग’ विषय पर सीईओ एवं लीग आयुक्त अनुपम गोस्वामी व्याख्यान देंगे।
द्रोणाचार्य अवार्डी और सुप्रसिद्ध कोच ईपी राव, ‘जर्नी ऑफ कबड्डी फ्रॉम मड टू मैट’ और ‘वर्तमान ट्रेंड्स ऑफ द गेम इन द वर्ल्ड लेवल, फुटवर्क’, रेडिंग स्किल्स’, कबड्डी में पोजिशनल प्ले’ पर व्याख्यान देंगे। सिस्टम रक्षा और तकनीकी अधिकारियों के प्रशिक्षण में खेलता है। पीकेएल की तकनीकी वैयक्तिक मैथ्री आधुनिक प्रतियोगिता अवसंरचना, तकनीकी नियंत्रण कक्ष और कबड्डी के नियमों में नए संशोधन जैसे विषयों पर अपनी बात रखेंगी। अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी आलोक सिंह, अंतर्राष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी प्रैक्टिकल सत्र में मदद करेंगे।
डॉ. खाखा ने बताया कि कार्यशाला का उद्घाटन मुख्य अतिथि प्रो कबड्डी लीग के सीईओ और कमिश्नर अनुपम गोस्वामी, 13 फरवरी सुबह 10:30 बजे शारीरिक शिक्षा विभाग के द्रोणाचार्य करण सिंह हॉल में करेंगे। द्रोणाचार्य अवार्डी ईपी राव सम्मानित अतिथि होंगे।
कार्यशाला के मुख्य संरक्षक बीएचयू के कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन हैं और संरक्षक कला संकाय प्रमुख प्रो. विजय बहादुर सिंह होंगे। विभागाध्यक्ष प्रो. राजीव व्यास कार्यशाला के निदेशक होंगे। प्रो. बीसी कापड़ी, प्रो. अभिमन्यु सिंह, प्रो. विक्रम सिंह और प्रो. टी. ओनिमा रेड्डी कार्यशाला सलाहकार हैं। कार्यक्रम का संचालन प्रो. डीके दुरेहा करेंगे और प्रो. सुषमा घिल्डयाल कार्यशाला सह-संयोजक के रूप में कार्य करेंगी। कार्यशाला के संयुक्त सचिव डॉ. अखिल मेहरोत्रा, डॉ. प्रदीप सिंह चाहर, कोषाध्यक्ष डॉ. शैलेश कुमार होंगे। आयोजन समिति के अन्य सदस्य डॉ. विनायक कुमार दुबे, डॉ. कृष्णकांत, डॉ. दीपक कुमार डोगरा और डॉ. अभिषेक वर्मा हैं।