वाराणसी। फसलों को बीमारी से बचाने और कृषि उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से बीएचयू के कृषि विज्ञान संस्थान में मृदा चिकित्सक तैयार किए जा रहे हैं। इसके लिए शनिवार को एक दिन का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें 50 प्रशिक्षु शामिल हुए।
संस्थान के संकाय प्रमुख एवं निदेशक प्रो. यशवंत सिंह ने मृदा परीक्षण करके पौधों के लिए समुचित मात्रा में पोषक तत्वों के प्रबंधन एवं सही समय में रोगों के उपचार के लिए कम से कम मात्रा में कीटनाशकों का प्रयोग करने को कहा। इससे उत्पाद में कम से कम मात्रा में रासायनिक पदार्थों का अवशिष्ट प्रभाव पड़े। मृदा विज्ञान एवं कृषि रसायन के विभागाध्यक्ष प्रो. निर्मल डे ने बताया कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम समय के अनुकूल है और वर्तमान परिवेश में इसकी नितांत आवश्यकता है। प्रशिक्षण कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. अमिताव रक्षित ने बताया कि इस प्रशिक्षण से कृषि उद्यमी गांवों में किसानों को तुरंत ही मृदा परीक्षण की जानकारी दे सकेंगे। श्री आनंद प्रताप शाही ने बीएलएफ की तरफ से सभी के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा की भविष्य में इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के सहयोग से पूर्वोत्तर भारत के कृषि उद्यमियों के लिए आयोजित किया जायेगा। कार्यक्रम केअंत में कृषि अभियांत्रिकी के सहायक प्रोफेसर डॉ. विनोद कुमार त्रिपाठी ने धन्यवाद दिया। कार्यक्रम में चिन्मय, सोनम, कुमार आशु कर्ण, जे. सुमन, श्वेता ने सहयोग दिया।