वाराणसी। बीएचयू के श्री विश्वनाथ मंदिर में नौ दिवसीय संगीतमय श्री राम कथा के दूसरे दिन वैदिक मंत्रोच्चारण किया गया। उसके बाद कथा वाचक कालरात्रि पीठाधीश्वर अखिलदास महाराज ने कहा कि राम की कृपा के बिना सत्संग संभव नही है। सत्य के साथ लक्ष्य की ओर बढ़ने वाला कार्य ही सत्संग है। जब भगवान कृपा करते हैं तब सत्संग देते हैं।
कथावाचक ने कहा कि सत्संग में आने से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। सत्संग संजोग से नहीं सुयोग से बनता है। मनुष्य की दिशा और दशा सत्संग से ही बदल सकता है। श्रीरामकथा जीवन जीने की कला सीखती है। मनुष्य को इस संसार में कैसे रहना है, क्या करना है, किस प्रकार से संबंधों का निर्वाह करना है, यह सत्संग से मिलता है। भगवान श्रीराम के चिन्तन से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। रामचरित मानस एक आदर्श जीवन दर्शन है। यह जिसके अंदर समाहित हो गई उसका जीवन धन्य हो जाता है। संगीतमय भजन से श्रोतागण मंत्रमुग्ध हो गये। कथा की समाप्ति पर भक्तजनों को प्रसाद का वितरण किया गया।