वाराणसी। हिन्दी के संवर्धन में हिन्दी फिल्मों और सरकार के विभिन्न क्षेत्रों में किये जा रहे काम काफी महत्वपूर्ण हैं। यह बात बीएचयू के पत्रकारिता विभागाध्यक्ष प्रो. शिशिर बसु ने हिन्दी दिवस पर बुधवार को आयोजित कार्यक्रम में कही।
राष्ट्रीय सेवा योजना की बीएचयू इकाई और पत्रकारिता विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. ज्ञान प्रकाश मिश्र ने कहा कि हिन्दी का विकास किसी अन्य भाषा से संघर्ष के साथ नहीं, बल्कि हिन्दी में काम करने और उसे आत्मसात करने से संभव है। उन्होंने कहा कि कई विद्वानों का मानना है कि पिछले वर्षों में हिंदी भाषा के क्षेत्र में समुचित विकास नहीं हुआ है, लेकिन भारत सरकार ने हिंदी भाषा के विकास के लिए हर संभव प्रयास किये हैं। जरूरत है तो बस हमें इस दिशा में निरंतर प्रयास करने की।
इस अवसर पर विभाग की डॉ. शोभना नार्लीकर ने कहा कि उनकी मातृभाषा मराठी हैं,लेकिन हिंदी भाषा के प्रति उनके प्रेम ने उन्हें हिंदी भाषा सीखने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि विभाग ने हिन्दी पत्रकारिता के क्षेत्र में और काम करने की आवश्यकता है। प्रो. अनुराग दवे ने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर राष्ट्रीय विकास के कार्यक्रमों में हिन्दी भाषा की भूमिका अहम रही है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान विभिन्न भाषा के स्वतंत्रता आंदोलनकारियों ने भी हिंदी को भाषा के रूप में अपनाकर स्वतंत्रता आंदोलन को आगे बढ़ाया।
अतिथियों का स्वागत कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. बाला लखेन्द्र ने किया और विषय की उपस्थापना की। इस अवसर पर हिंदी ज्ञान पर आधारित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें स्मारिका सिंह और नितिन भारद्वाज को प्रथम, अदिती खरे और नेहा वर्मा को द्वितीय, राखी शर्मा और दीक्षा विश्वकर्मा को तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में श्रुति राय, प्रिया नागर, कीर्ति खन्ना, सोनल सिन्हा ने भी अपने विचार व्यक्त किये।