वाराणसी। उत्तर प्रदेश (यूनाइटेड प्रोविन्सेज) के पूर्व मुख्यमंत्री, केंद्रीय गृहमंत्री पंडित गोविंद वल्लभ पंत की 135 वीं जयंती पर शनिवार को राष्ट्रीय सेवा योजना की बीएचयू इकाई कि ओर से स्मृति दिवस समारोह का आयोजन कृषि विज्ञान संस्थान के शताब्दी भवन में किया गया।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में शिक्षक और छात्रों ने पुष्पांजलि कर पं. पंत को याद किया और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान को अविस्मरणीय बताया। कार्यक्रम का शुभारंभ पंडित गोविंद वल्लभ पंत के चित्र पर माल्यार्पण से हुआ। उसके उपरांत देशभक्ति गीत की प्रस्तुति की गई ।
मुख्य वक्ता कार्यक्रम अधिकारी डॉ. तरूण वर्मा ने कहा कि पं. पंत एक जाने-माने स्वतंत्रता सेनानी रहे हैं और उन्होंने राष्ट्र को अपना सर्वस्व न्छायोवर किया है। स्वतंत्रता के पश्चात केंद्रीय गृह मंत्री के रूप में उनके द्वारा किए गए कार्यों की भी उन्होंने प्रशंसा की ।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए कार्यक्रम समन्वयक डॉ. बाला लखेंद्र ने कहा कि अल्मोड़ा में के खूंट गांव में 10 सितंबर 1887 को जन्मे पंडित गोविंद वल्लभ पंत बाल्यकाल से ही प्रतिभा संपन्न थे। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से शिक्षा अर्जित की और फिर काशीपुर में वकालत आरंभ की। काकोरी कांड के प्रमुख अभियुक्तों को रिहा कराने के उद्देश्य से तत्कालीन कांग्रेस पार्टी ने उन्हें एक प्रभावशाली वकील के रूप में इस केस से जुड़ने का निवेदन किया था। वह साइमन कमीशन के विरोध में राष्ट्रीय आंदोलन में शामिल हुए। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के संपर्क में आए और नमक सत्याग्रह आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके उपरांत वह लगातार राष्ट्रीय आंदोलन में सक्रिय रहे और यूनाइटेड प्रोविंस के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने 1937 से 1939 तक अपनी सेवा प्रदान की। 1955 से लेकर 1961 तक पं. पंत केंद्रीय गृह मंत्री रहे और राष्ट्र की अपनी महती सेवा प्रदान की। 26 जनवरी 1957 को राष्ट्र की अतुलनीय सेवा के लिए उन्हें भारत रत्न प्रदान किया गया। पंडित गोविंद वल्लभ पंत एक विद्वान राष्ट्र को समर्पित स्वतंत्रता सेनानी के साथ-साथ एक कुशल प्रशासक भी थे।
इस अवसर पर पंडित गोविंद वल्लभ पंत का राष्ट्र को अवदान विषय पर एक विचार गोष्ठी का भी आयोजन किया गया, जिसमें कार्यक्रम अधिकारी डॉ. सुनील मीणा, हिमांशु मिश्रा, जय सिंह, अनुभा कुमारी, नन्हीं प्रिया, अनुभूति सिंह, आदित्य नाथ झा, नवनीत सिंह सहित अनेक वक्ताओं ने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम के अंत में राष्ट्रगान की प्रस्तुति की गई और पं. पंत के प्रति श्रद्धा निवेदित करते हुए छात्रों ने 2 मिनट का मौन धारण किया।