वाराणसी। बीएचयू के पूर्व इमेरिट्स प्रोफेसर एवं वर्तमान में नेशनल टैगोर फेलो प्रो. मारुति नन्दन तिवारी और संयुक्त लेखक डॉ. राकेश सिंह यादव ने अपनी पुस्तक ‘‘काशी की प्राचीन देव मूर्तियाँॅः कलात्मक एवं लक्षणपरक अध्ययन‘‘, शुक्रवार को कुलपति आवास पर कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन को भेंट की।
इस पुस्तक में काशी के घाटों एवं नगर के विभिन्न स्थलों तथा परवर्ती मन्दिरों में असुरक्षित पड़ी प्राचीन देव मूर्तियों का सर्वेक्षण और उनके कलात्मक निरूपण का पहली बार विस्तृत अध्ययन प्रस्तुत हुआ है। ये सभी मूर्तियां शासन एवं पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित किये जाने की अनिवार्य स्थिति में हैं। इन मूर्तियों में शिव-पार्वती विवाह, दक्षिणामूर्ति शिव, महिषमर्दिनी, गणेश, सरस्वती, तपस्विनी पार्वती, शेषशायी विष्णु और नटेश एवं उमा-महेश्वर तथा जैन तीर्थकर स्वरूपों की सुन्दर मूर्तियां हैं, जिनके चित्र भी पुस्तक में दिए गए हैं।
कुलपति ने पुस्तक के चित्रों एवं विषयवस्तु का अवलोकन करते हुए इसे काशी की प्राचीन देव मूर्तियों के अध्ययन और संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रकाशन बताया और लेखकद्वय को शुभकामनाएं दी।