वाराणसी। बीएचयू के महिला महाविद्यालय में गायन, वादन, नृत्य और चित्रकला अनुभाग की ओर से “स्वातंत्र्योत्तर काल में मंचकला एवं दृश्यकला के विविध आयाम” विषयक सप्तदिवसीय कार्यशाला का मंगलवार को उद्घाटन हुआ।

कार्यशाला का शुभारम्भ महाविद्यालय के विज्ञान भवन के संगोष्ठी कक्ष में मालवीय जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पण, दीप प्रज्ज्वलन कर हुआ। प्राचार्या प्रो. इनु मेहता ने अतिथियों का स्वागत किया। अंगवस्त्रम देकर सम्मान भी किया गया। प्रो. लयलीना भट्ट ने कार्यशाला के उद्देश्य और रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए इसके महत्व को भी बताया। उन्होंने बताया कि कार्यशाला में प्रत्येक दिवस एक अतिथि विद्वान का वक्तव्य के साथ ही प्रयोगात्मक पक्ष की चर्चा और अभ्यास होगा।
मुख्य अतिथि हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रो. हर्षवर्धन शर्मा ने कार्यशाला विषयक बातों को सभी के समक्ष रखा। विशिष्ट अतिथियों में पद्मश्री प्रो. राजेश्वर आचार्य, प्रो. अरुण कुमार सिंह, प्रो. प्रवीण उद्धव ने भी कार्यशाला पर विचार रखे।
इस कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ अतिथि विद्वान विदुषी सुचरिता गुप्ता, प्रो. राजेश शाह, डॉ. विधि नागर, प्रो. प्रेमचंद होम्बल तथा अंकित प्रसाद भी उपस्थित रहे। मंच संचालन प्रो. रिचा कुमार तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. शोभित कुमार नाहर ने किया।
उद्घाटन सत्र में प्रो. के. शशि कुमार, प्रो. कृष्ण कांत शर्मा, डॉ. स्वर वंदना शर्मा, प्रो. शारदा वेलंकर, प्रो. सरोज रानी, डॉ. सुनील कुमार सिंह कुशवाहा, डॉ. अवधेश, डॉ. उषा कुमारी, डॉ. अनामिका दीक्षित, डॉ. गीता सिंह, डॉ. अंजली शर्मा, डॉ. श्वेता कुमारी, डॉ. रश्मिका, डॉ. हरीश तथा विश्वविद्यालय और महाविद्यालय के अन्य शिक्षक व शिक्षिकाओं के साथ ही कार्यशाला में पंजीकृत सभी विधाओं के छात्र व छात्राएं भी उपस्थित रहे।