वाराणसी। बीएचयू के कुलगुरु प्रो. वीके शुक्ल ने कहा कि मीडिया समाज का दर्पण कहा जाता है। अगर रिपोर्टिंग सकारात्मक हो तो समाज में सौहार्द की स्थापना की जा सकती है।
पत्रकारिता विभाग की ओर से मीडिया सूचना साक्षरता और विकास विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का शुक्रवार को उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि मीडिया समाज में ईमानदारी, शांति, नैतिकता, सौहार्द का वातावरण आसानी से कयम कर सकता है। यदि कोई जानकारी नकारात्मक तरीके से पेश की जाती है तो समाज में भ्रष्टाचार लालच, भय, द्वेष, दुर्भावना, दंगे, असंतुलन और अव्यवस्था फ़ैल जाती है। इन सभी चीज़ों को देखते हुए मीडिया साक्षरता आज के समय में बहुत जरूरी है।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के प्रो. अनिल कुमार उपाध्याय ने मीडिया साक्षरता के अर्थ को समझाते हुए कहा कि बच्चों या लोगों को मीडिया के प्रति जागरूक बनाना और समाज में मीडिया के फैलते स्वरूप और बहुत बड़े स्तर पर उनके प्रभाव को देखते हुए उन्हें मीडिया के बारे में जागरूक करना ही मीडिया साक्षरता का मुख्य लक्ष्य है। किसी भी समाज के निर्माण व संचालन में सूचनाओं का अहम योगदान होता है और इन सूचनाओं को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति या एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने में मीडिया अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता कला संकाय प्रमुख प्रो. विजय बहादुर सिंह ने की। स्वागत पत्रकारिता एवं जनसंप्रेषण विभागाध्यक्ष डॉ. शोभना नेरलिकर ने किया। कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय सेमिनार संयोजक डॉ. बाला लखेंद्र व धन्यवाद ज्ञापन डॉ. ज्ञान प्रकाश मिश्रा ने किया।
उद्घाटन सत्र के बाद राष्ट्रीय सेमिनार में उपस्थित विभिन्न विश्वविद्यालय के शोधार्थियों व आचार्यों ने शोध पत्र प्रस्तुत किए। शोधपत्र प्रस्तुति के दौरान मीडिया सूचना साक्षरता और उसके विकास विषय पर उपस्थित श्रोता समूह को विस्तार से जानकारी उपलब्ध कराई गई। साथ ही मीडिया साक्षरता का अर्थ सिर्फ अखबार, रेडियो और टेलीविज़न का प्रशिक्षण देने से नहीं है बल्कि लोगों को मीडिया के प्रति जागरूक बनाने पर जोर दिया गया। दस विश्वविद्यालयों के 45 शोध छात्र-छात्राओं एवं आचार्यों द्वारा शोध पत्र प्रस्तुत किए गए।