वाराणसी। बीएचयू ने अपने विद्यार्थियों व शोधार्थियों के शैक्षणिक व पेशेवर विकास के लिए अनेक नई पहल की हैं। इसका मकसद विश्वविद्यालय में उत्तम गुणवत्ता के शोध को प्रोत्साहित व पोषित करना भी है।
इसी कड़ी में विश्वविद्यालय ने एक नई योजना की शुरुआत की है, जिसके तहत पीएचडी शोधार्थियों को एक सेमेस्टर (छः महीने) के लिए विश्वविद्यालय से बाहर देश के किसी प्रतिष्ठित संस्थान अथवा अनुसंधान प्रयोगशाला में शोध अनुभव अर्जित करने का अवसर मिलेगा। शोधार्थी अपने प्रयोगात्मक, सैद्धांतिक तथा पेशेवर कौशल को विकसित करने के लिए भी इस अवधि का लाभ उठा सकते हैं। इस योजना के माध्यम से शोधार्थियों को विविधतापूर्ण व बहु-सांस्कृतिक तथा प्रतियोगी वातावरण में काम करने का मौका मिलेगा, जिसके परिणामस्वरूप वे शैक्षणिक व पेशेवर रूप से प्रगति की ओर अग्रसर होंगे। यह योजना चोटी के संस्थानों के साथ सहयोगात्मक गतिविधियों के मद्देनजर बीएचयू के लिए भी हितकारी होगी।
योजना के तहत चयनित शोधार्थी को 15000 रुपये मासिक मेंटेनेन्स भत्ता भी प्रदान किया जाएगा। ये भत्ता शोधार्थी की अन्य किसी फेलोशिप से अतिरिक्त होगा। कार्यक्रम के दौरान शोधार्थी को ड्यूटी पर माना जाएगा। ऐसे शोधार्थी जिन्होंने स्नातक तथा परास्नातक स्तर पर बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है, पीएचडी कोर्सवर्क पूर्ण कर लिया है तथा अच्छे शोध पत्र प्रकाशित किये हैं, इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने कहा, “हम चाहते हैं कि हमारे पीएचडी विद्यार्थी अपनी थीसिस के लिए उच्च गुणवत्ता का शोध करें और खुद को भविष्य की चुनौतियों के लिए प्रभावी ढंग से तैयार करें। इस योजना से वे एक विविधतापूर्ण तथा बहु-सांस्कृतिक वातावरण में काम कर पाएंगे व अत्यंत उपयोगी अनुभव अर्जित कर सकेंगे।” प्रो. जैन ने कहा कि अपने विद्यार्थियों तथा शोधार्थियों के लिए नए अवसर तैयार करना तथा नए आयाम उपलब्ध कराना हमारी शीर्ष प्राथमिकताओं में से है और यह योजना विद्यार्थियों के प्रति हमारी इसी प्रतिबद्धता को परिलक्षित करती है।
इंस्टिट्यूशन ऑफ एमिनेंस, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, के अंतर्गत आरंभ यह योजना प्रो. डीएस पांडे की अगुवाई वाले प्रायोजित शोध एवं ऑद्योगिक परामर्श प्रकोष्ठ द्वारा प्रबंधित की जाएगी।