वाराणसी। बीएचयू के कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने कहा कि विश्वविद्यालय में गुणवत्तापरक शिक्षा व शोध सुनिश्चित करने के लिए धन को बाधा नहीं बनने दिया जाएगा। वह शनिवार को दृश्य कला संकाय में संकाय के शिक्षकों से संवाद कर रहे थे।
कुलपति ने कहा कि बीएचयू में अध्ययन व शोध अंतरराष्ट्रीय स्तर का होना चाहिए और इसके लिए संसाधन सुनिश्चित करने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का दृश्य कला संकाय अपनी विशिष्टता, श्रेष्ठता तथा प्रतिभा के लिए ख्याति प्राप्त है और इसे सफलता तथा प्रसिद्धि के नए शिखर तक पंहुचाने के लिए और मेहनत करनी होगी। उन्होंने कहा कि दृश्य कला संकाय में विद्यार्थियों को अनेक तरह की विधाओं में पारंगत होने का अवसर प्राप्त होता है, लेकिन संकाय को बदलते वक्त की ज़रूरतों के अनुरूप खुद को ढालने का भी प्रयास करना होगा। इसके तहत नई विधाओं की पढ़ाई आरंभ करने पर भी विचार किया जाना चाहिए।
संवाद के दौरान एनिमेशन में अध्ययन आरंभ करने का सुझाव भी आया। इस पर कुलपति ने कहा कि संकाय एनिमेशन समेत उन विभिन्न पहलुओं पर नए कोर्स आरंभ करने पर विचार कर सकता है, जो दृश्य कला में वर्तमान परिदृश्य के अनुरूप अत्यंत महत्वपूर्ण व प्रासंगिक हैं। उन्होंने कहा कि संकाय की आवश्यकताओं को देखते हुए ही संकाय के भवन की मरम्मत और उसमें निर्माण का कार्य कराया जा रहा है, ताकि कक्षाओं, अभ्यास सत्रों तथा अन्य कार्यों के लिए एवं भविष्य की ज़रूरतों के हिसाब से पर्याप्त स्थान उपलब्ध हो।
तकरीबन तीन घंटे से अधिक चले संवाद में कुलपति ने शिक्षकों ने उन्हें शिक्षण तथा विश्वविद्यालय के अन्य कार्यो में पेश आने वाली चुनौतियों के बारे में पूछा, तथा समस्याओं के समाधान के लिए सुझाव भी मांगे। प्रो. जैन ने आश्वस्त किया कि संकाय में अध्ययन व शोध के लिए संसाधनों व सुविधाओं को लेकर जो भी दिक्कतें हैं उन्हें दूर किया जाएगा। उन्होनें कहा कि विश्वविद्यालय को विकास के मार्ग पर आगे ले जाने की कुंजी है, बीएचयू के सदस्यों का पारस्परिक सद्भाव, सम्मान व सहयोग के साथ काम करना। इस अवसर पर कुलपति ने संकाय में इस वर्ष आयोजित हुई दृश्य काशी प्रदर्शनी पर आधारित पुस्तक का भी विमोचन किया। दृश्य काशी प्रदर्शनी में मूल रूप से काशी में रह रहे कलाकारों की कलाकृतियां प्रदर्शित की गईं थीं। संकाय प्रमुख प्रो. डीपी मोहंती ने धन्यवाद दिया।