वाराणसी। बीएचयू के छात्र-छात्राओं में जीवन कौशल विकसित करने के प्रयासों के तहत महिला महाविद्यालय की छात्राओं के लिए सम्प्रेषण पर दस दिवसीय कार्यशाला की शुक्रवार को शुरुआत हुई।
कला संकाय के पत्रकारिता एवं जनसम्प्रेषण विभाग तथा यूनिवर्सिटी प्लेसमेंट कोऑर्डिनेशन सेल की ओर से आयोजित इस कार्यशाला में छात्राओं को प्रभावी सम्प्रेषण के गुर सिखाए जाएंगे, ताकि वे साक्षात्कार आदि का आत्मविश्वास के साथ सामना कर सकें व अपने व्यक्तित्व को और विकसित कर सकें।
कार्यशाला के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए पत्रकारिता एवं जनसम्प्रेषण विभागाध्यक्ष प्रो. शिशिर बसु ने कहा कि एक प्रभावी व सशक्त व्यक्तित्व के लिए प्रभावी सम्प्रेषण होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि वैसे तो सम्प्रेषण कौशल बेहतर करने के लिए दस दिन पर्याप्त नहीं हैं, लेकिन इस कार्यशाला के बाद छात्राओं को ऐसी कई नई बातें सीखने व जानने को मिलेंगी, जिनसे वे बेहतर कम्युनिकेटर बन पाएंगी।
यूनिवर्सिटी प्लेसमेंट कोऑर्डिनेशन सेल के समन्वयक प्रो. वीके चन्दोला ने कहा कि अक्सर कमज़ोर सम्प्रेषण के कारण विद्यार्थी प्लेसमेंट प्रक्रिया में सफल नहीं हो पाते। इसी चिंता के मद्देनज़र सम्प्रेषण कौशल पर कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं, ताकि विद्यार्थी पूरे आत्मविश्वास के साथ साक्षात्कारों का सामना करें। उन्होंने कहा कि इन कार्यशालाओं का एक मकसद यह भी है कि विद्यार्थी सम्प्रेषण कौशल सीख कर अपने सहपाठियों को भी अच्छा कम्युनिकेटर बनने में मदद करें।
प्रो. अनुराग दवे ने कहा कि इस कार्यशाला के बाद प्रतिभागी अपने व्यक्तित्व में सकारात्मक परिवर्तन महसूस कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि सम्प्रेषण कौशल न सिर्फ व्यक्तित्व के लिए बल्कि करियर के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। कार्यक्रम का संचालन डॉ. नेहा पाण्डेय ने किया। इस कार्यशाला के दौरान विशेषज्ञों द्वारा विभिन्न तकनीकी सत्र लिये जाएंगे, जिनमें छात्राओं को प्रतिस्पर्धात्मक दौर के अनुरूप सम्प्रेषण कौशल बेहतर करने के टिप्स मिलेंगे।