वाराणसी। भारतीय समाज में इसकी संस्कृति के अलावा प्रवासी भारतीयों का भी काफी योगदान रहा है। वर्षों से ये प्रवासी भारत की विकास यात्रा के सहभागी रहे हैं।
बीएचयू के राजनीति विज्ञान विभाग में शनिवार को ” महात्मा गांधी एंड इंडियन डायसपोरा अंडर यूरोपियन रूल एंड लेटर विषय पर आयोजित संगोष्ठी में वक्ताओं ने यह बात कही। मुख्य अतिथि जेएनयू की कुलपति प्रो. शांति श्री पंडित ने प्राचीन इतिहास से वर्तमान समय में भारतीय संस्कृति एवं समाज में प्रवासी भारतीयों की भूमिका पर बल डाला। मुख्य वक्ता जेएनयू के रेक्टर प्रो. अजय कुमार दूबे ने गांधी के मूल्यों और प्रवासी भारतीयों के योगदान को संदर्भित किया। डरबन विश्वविद्यालय से संबद्ध प्रो बेट्टी गोविंदन ने गांधी के विचारों की प्रासंगिकता और प्रवासी भारतीयों द्वारा उनके मूल्यों के आत्मसात एवं प्रसार करने की जरूरत बताई।
सामाजिक विज्ञान संकाय प्रमुख , प्रो कौशल किशोर मिश्र ने अध्यक्षता की। स्वागत राजनीति विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो शुभा राव ने किया। संयोजन प्रो तेज प्रताप सिंह ने किया। संगोष्ठी पत्रिका का अनावरण किया गया। इस अवसर पर देश विदेश के अकादमिक दुनिया की जानी मानी हस्तियां मौजूद रहीं।