वाराणसी। बीएचयू के प्रबंध संस्थान में शनिवार को माहौल थोड़ा भावुक और थोड़ा रोमांचक रहा। बरसों बाद पुराने साथी मिले। छात्र जीवन की यादें ताजा कीं और इसके बाद के अबतक के जीवन के बारे में विचार और अनुभव भी साझा किये।
संस्थान के 1971-74 बैच के विद्यार्थी लगभग आधी सदी के बाद एक-दूसरे से मिले तो वही छात्र जीवन वाली बोली निकलने लगी। ठहाकों और यादों के बीच काफी उत्सुकता से अपने-अपने अनुभव बांटे।
संस्थान के निदेशक प्रो. एसके दुबे ने इस मौके पर कहा कि पुरा छात्र संस्थान के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं। इनके विचारों की मदद से हम आगे बढ़ सकते हैं। डीन प्रो. एचपी माथुर ने पुरा छात्रों को संस्थान की गतिविधियों से अवगत कराया। पुरा छात्रों के बीच परिचर्चा भी हुई, जिसका संचालन पुरा छात्र डॉ. आशुतोष मोहन ने किया।
संस्थान में पहुंचे पुरा छात्रों में अशोक कपूर, मनमोहन गुरु, विनोद कुमार गुप्त, श्रुति सिंह, नतिंद्रा गुलाटी, अरुण कुमार गुप्त, आनंद कृष्ण अग्रवाल, एससी बागला शामिल थे। इनके अलावा प्रो. पीएस त्रिपाठी, प्रो. आशीष वाजपेयी, प्रो. आरके लोईवाल, प्रो. अमित गौतम, डॉ. अनिंदिता चक्रवर्ती, डॉ. राजकिरण प्रभाकर, डॉ. विशाल कुमार लहरी, डॉ. हर्ष प्रधान, डॉ. अरुण कुमार देशमुख, डॉ. अभिजीत विश्वास मौजूद रहे। अंत में डॉ. शशि श्रीवास्तव ने आभार व्यक्त किया।