वाराणसी। बीएचयू के हिन्दी विभाग के अवकाशप्राप्त आचार्य प्रो. अवधेश प्रधान ने कहा कि महामना पं. मदन मोहन मालवीय का जीवन समन्वयवाद पर आधारित था।
महामना मालवीय मिशन की ओर से भारतीय परम्परा एवं तिथि अनुसार शुक्रवार को पौष कृष्ण अष्टमी विक्रम संवत् 2079 के अनुसार महामना जयन्ती समारोह में मुख्य वक्ता प्रो. प्रधान ने कहा कि महामना ने प्राचीनता का आधुनिकता, धर्म का विज्ञान, कला और संगीत के साथ समन्वयक किया। स्वतंत्रता के संघर्ष के कालखण्ड में चार बार कांग्रेस की अध्यक्षता की। वह एक साथ देवर्षि और राजर्षि दोनों थे। उन्होंने एनी बेसेंट और दरभंगा नरेश को अपने महायज्ञ में शामिल कर लिया और इस महान् विश्वविद्यालय की स्थापना की।
सारस्वत अतिथि संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के मानोन्नत आचार्य प्रो. हृदय रंजन शर्मा ने कहा कि मालवीय ने प्रत्येक रविवार को गीता पाठ प्रारम्भ किया और यह शिक्षा दी कि मनुष्य को अपने आध्यात्मिक विकास पर भी ध्यान देना चाहिए। मुख्य अतिथि काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो. आनन्द कुमार त्यागी ने महामना मालवीय मिशन के सभी सदस्यों, प्रतिभागियों को इस अवसर पर शुभकामनाएं दी तथा मालवीय जी के जीवन पर चलने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. गुलाब जायसवाल ने की। धन्यवाद ज्ञापन मिशन के बीएचयू इकाई के सचिव प्रो. मृत्युंजय देव पाण्डेय ने की। इस अवसर पर कर्मनिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता पन्नालाल जायसवाल को ‘महामना स्मृति पुरस्कार-2020’’ प्रदान किया गया। श्री जायसवाल ने कहा कि अच्छे चरित्रवान व्यक्ति का निर्माण करना तथा हिन्दू धर्म के मन्तव्यां को मजबूत करना ही इस विश्वविद्यालय का उद्देश्य है। पुरस्कार के लिए उन्होंने मिशन के प्रति कृतज्ञता भी व्यक्त की।

दो व तीन नवंबर को आयोजित ‘‘महामना सम्भाषण एवं निबन्ध प्रतियोगिता-2022’’ के विजेताओं की घोषणा भी की गयी। सम्भाषण प्रतियोगता में शिवमोहन मिश्र प्रथम, आस्था त्रिपाठी, शौरभ नायक एवं रामनिवास कुमार क्रमशः द्वितीय, तृतीय एवं सांत्वना पुरस्कार दिया गया। निबन्ध प्रतियोगिता में श्रेयोशी गोप को प्रथम, आस्था त्रिपाठी, श्रुति त्रिपाठी एवं ममता मुर्मू को क्रमशः द्वितीय, तृतीय एवं संत्वना पुरस्कार दिया गया।
कार्यक्रम का प्रारम्भ दीप प्रज्ज्वलन, वैदिक मंगलाचरण एवं कुलगीत के साथ हुआ। तेजस्वी पाण्डेय तथा धात्री पाण्डेय ने गीता के 12वें अध्याय का सस्वर पाठ सुनाया तथा महामना भजन अर्चना शाही ने प्रस्तुत किया। प्रो. जयप्रकाश लाल, प्रो. आशा किरण राय, प्रो. एसपी सिंह, प्रो. राजकुमार, विजय नाथ पाण्डेय, प्रो. यूपी शाही, डॉ. चन्दन उपाध्याय, केदार तिवारी, प्रो. श्रवण कुमार शुक्ला सहित विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के अध्यापक, छात्र एवं कर्मचारी मौजूद रहें। संचालन डॉ. अनूप कुमार ने किया।