वाराणसी। बीएचयू के छात्रों को योग की शिक्षा देने की पहल विश्वविद्यालय के संस्थापक भारत रत्न महामना पं. मदन मोहन मालवीय ने की थी। आज परिसर में विभिन्न स्थानों पर योग कार्यशालाओं का आयोजन इसी पहल की एक कड़ी है।
वैदिक विज्ञान केंद्र की ओर से आयोजित तीन दिनी वैदिक योग विज्ञान विषयक कार्यशाला के उद्धाटन कार्यक्रम मे यह बात चिकित्सा विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. अनिल कुमार त्रिपाठी ने कही। संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के पूर्व प्रमुख प्रो. कृष्णकांत शर्मा ने कहा कि योग का व्यवहार ऋगवेद काल से होता आ रहा है। उपनिषदों में भी योग का वर्णन मिलता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बीएचयू के कुलगुरु प्रो. वीके शुक्ल ने कहा कि योग संपूर्ण स्वास्थ्य, शरीर और मन पर नियंत्रण करता है। भौतिक, सामाजिक और मानसिक तौर पर स्वस्थ व्यक्ति ही श्रेष्ठ है। योग से इसे कायम रखा जा सकता है।
अतिथियों का स्वागत करते हुए केंद्र के समन्वयक प्रो. उपेंद्र कुमार त्रिपाठी ने कहा कि योग हमारी चित्तवृत्तियों का निरोध करता है। योगाचार्य रितेश दुबे, स्मृति नायक, मोहित पांडेय और अंजना त्रिपाठी ने प्रतिभागियों को योगाभ्यास कराया। रजनी सिंह, पूजा सिंह, अमन वर्मा, रचित शुक्ल, आशुतोष पांडेय ने सहयोग किया।
आरंभ में वेद विभाग के शोध छात्र ज्ञानेश उपाध्याय ने मंगलाचरण और गायन विभाग की शोध छात्रा सौम्या कुमारी ने कुलगीत की प्रस्तुति की। कार्यक्रम में प्रो. राजकुमार मिश्र, प्रो. मृत्युंजयदेव पांडेय, प्रो. मधुमिता भट्टाचार्य, डॉ. दयाशंकर त्रिपाठी, डॉ. आशा शर्मा, डॉ. अनूप कुमार पांडेय, डॉ. एसएल मौर्य, डॉ. पंकज कुमार पांडेय, डॉ. कृष्ण अवतार अग्रवाल उपस्थित रहे।