वाराणसी। भारत में हाल के वर्षों में कृषि के क्षेत्र में काफी विकास हुआ है। हालांकि प्राकृतिक संसाधनों का दुरुपयोग इसकी राह में बड़ी बाधा साबित हो सकती है। ऐसे में संसाधनों का संरक्षण करना बेहद जरूरी है।
बीएचयू के पूर्व कुलपति प्रो. पंजाब सिंह ने यह बात कृषि विज्ञान संस्थान के कृषि अर्थशास्त्र विभाग में ‘‘प्रभाव मूल्यांकन विधियों के लिए विश्लेषणात्मक तकनीक’’ विषय पर आयोजित पांच दिवसीय कार्यक्रम का सोमवार को उद्घाटन करते हुए कही।
इस कार्यक्रम में नई दिल्ली स्थित अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति एवं शोध संस्थान का भी सहयोग है। यह एक प्रशिक्षण कार्यक्रम है, जिसमें देशभर से आए कृषि वैज्ञानिक प्रतिभाग कर रहे हैं। कार्यक्रम में डॉ. साहिदुर राशिद, डॉ. आरसी अग्रवाल, डॉ. जेपी मिश्र, प्रो. यशवंत सिंह ने विचार रखे। प्रो. राकेश सिंह ने आभार व्यक्त किया।
उद्घाटन समारोह के बाद बाहर से आए विज्ञानियों ने बीएचयू के कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन से मुलाकात की और वित्तीय अनुदान समेत अन्य सहयोग पर चर्चा की।