वाराणसी। बीएचयू के संस्कृत विभाग में विभागीय शोध छात्रों के सर्वाङ्गीण विकास, संस्कृत-संभाषणकौशल एवं ज्ञानसंवर्धन के लिये ‘विद्याधर्मप्रवर्धिनी सभा’ का शुभारम्भ विभागाध्यक्ष प्रो. उपेन्द्र पाण्डेय ने किया।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में प्रो. उपेन्द्र पाण्डेय ने समस्त विभागीय प्राध्यापकों एवं छात्रों का स्वागत करते शोधच्छात्रों हेतु अकादमिक आयोजनों के महत्व का उल्लेख किया। प्रतिभागी शोधार्थियों ने निर्धारित विषयों – “धृति, क्षमा, दम, अस्तेय, शौच तथा इन्द्रियनिग्रह” में से प्रत्येक विषय को स्वेच्छा से चुनकर उसपर संस्कृत-भाषा में अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संयोजन डॉ. सुकुमार चट्टोपध्याय, डॉ. शरदिन्दु कुमार तिवारी तथा डॉ. अभिमन्यु ने किया। प्रो. सदाशिव कुमार द्विवेदी ने छात्रों को संस्कृत-संभाषण के अभ्यास हेतु प्रेरित किया। कार्यक्रम के अन्त में प्रो. गोपबन्धु मिश्र ने उपस्थित प्राध्यापकों व छात्रों के प्रति धन्यवाद-ज्ञापन किया। कार्यक्रम में डॉ. ठाकुर शिवलोचन शाण्डिल्य, डॉ. फ़िरोज़, डॉ. सूर्य प्रकाश सिंह, डॉ. प्रदीप कुमार, डॉ. प्राति वर्मा उपस्थित रहीं।