वाराणसी। जब आपकी सोच सकारात्मक होगी तो आपकी प्रगति को कोई रोक नहीं सकता है। सरकार ने अग्निपथ योजना के माध्यम से युवाओं को एक बहुत बड़ा अवसर दिया है। यह केवल देश की सेना में फौजी बनकर ही नहीं अपितु समाज में भी एक सम्मानित नागरिक का जीवन जी सकेंगे।
यह बात ले. जनरल संजय कुलकर्णी ने आजादी का अमृत महोत्सव के तहत बीएचयू में काशी मंथन की ओर से आयोजित कार्यक्रम में कहीं। उन्होंने कहा कि चार साल तक सेना के साथ काम करने वाला स्वयं में एक अनुशासित युवा होगा और उसकी ट्रेनिंग और अनुशासन उसे कारपोरेट जगत में सम्मानित स्थान दिलाएगा। उन्होंने बताया कि भारत के लिए सियाचिन एकमात्र ऐसा स्थान है, जहां से भारतीय सेना चीन, पाकिस्तान और अफगानिस्तान आदि पर नजर रखती है। 21000 फीट की ऊंचाई पर स्थित सियाचिन का तापमान माइनस 50 डिग्री तथा हवा 100 से 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है। इस कारण से यहां का जीवन अत्यंत ही जटिल हो जाता है परंतु फिर भी भारतीय सेना का वह प्रत्येक जवान इस बात पर गर्व करता है कि उसने भी सियाचिन में ड्यूटी निभाई है।
आने वाले समय में परंपरागत तरीके से युद्ध नहीं
ले. जनरल कुलकर्णी ने बताया कि वर्ष 1984 में ऑपरेशन मेघदूत में भारत के हाथों से पाकिस्तानी सेना की शिकस्त के बाद जनरल मुशर्रफ काफी गुस्से में थे और उसी का बदला लेने की चाह से उन्होंने कारगिल का युद्ध किया और यहां भी उन्हें मुंह की खानी पड़ी। आने वाले समय में अब युद्ध परंपरागत तरीके से नहीं होंगे, इसलिए हमें भी अपनी सेना का आधुनिकीकरण करना आवश्यक है। साइबर अटैक और ड्रोन टेक्नोलॉजी का भरपूर प्रयोग हो रहा है। अतः अब हमें तत्काल निर्णय लेने वाले मुखिया की आवश्यकता है।
स्वागत डॉ. मंयक नारायण सिंह ने किया तथा प्रो एमके सिंह ने मुख्य अतिथि को पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया। मनोज शाह व डॉ. मयंक सिंह ने अंगवस्त्र व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में अध्यापक, अधिकारी एवं बड़ी संख्या में छात्र छात्रएँ उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन सुश्री खुश्बू मिश्रा तथा धन्यवाद ज्ञापन सुश्री मोनालिसा हाजरा ने दिया। इस अवसर पर प्रो. डीसी राय, प्रो जेपी राय, प्रो मनोज मिश्रा, डॉ. धीरेंद्र राय, डॉ. प्रवीण राणा, रोहित सिंह, दीपक सिंह, डॉ. सुमिल तिवारी, देवाशीष गांगुली आदि उपस्थित थे।