वाराणसी। बीएचयू के मालवीय भवन में रविवासरीय गीता प्रवचन के क्रम में प्रो. हरिप्रसाद अधिकारी ने कहा कि यह शरीर ही क्षेत्र और कुरूक्षेत्र है। स्थूल सत्ता के अतिरिक्त यह सूक्ष्म सत्ता को गीता स्पष्ट करती है। गीता को आचरण में उतारना आवश्यक है। वक्ता का स्वागत प्रो. उपेन्द्र कुमार त्रिपाठी ने किया और कहा कि गीता सर्वज्ञ और नूतन महांग्रन्थ है।
कार्यक्रम का संचालन प्रो. सुमन जैन एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रो. शरदिन्दु कुमार त्रिपाठी ने किया। कार्यक्रम का प्रारम्भ महामना की प्रतिमा के माल्यार्पण से हुआ। पद गायन संगीत एवं मंच कला संकाय के शोध छात्र विश्वजीत चौबे, मनोज तिवारी एवं गीता पाठ भाष्कर तिवारी ने किया। इस अवसर पर प्रो. रुद्रप्रकाश मलिक, प्रो. मृत्युन्जय देव पाण्डेय, दीनानाथ झुनझुनवाला, डॉ. पवन कुमार शास्त्री, डॉ. उमापति मिश्र एवं छात्र छात्राओं की उपस्थिति महत्वपूर्ण रही।