वाराणसी। बीएचयू के विज्ञान संस्थान के भूगोल विभाग की एक टीम इन दिनों बेहद गर्म शुक्र ग्रह के अध्ययन में जुटी है। यह अध्ययन इंटरनेशनल वीनस रिसर्च ग्रुप की ओर से किया जा रहा है, जिसमें कनाडा, अमेरिका, रूस, मोरक्को और भारत शामिल हैं।

बीएचयू के दल के प्रमुख प्रो. राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि यह दल शुक्र ग्रह की सतह के अलावा इसपर ज्वालामुखी गतिविधियों, मौसम पर अध्ययन करेगा। दल में विभाग के डॉ. अमिय कुमार सामल और दो शोध छात्राएं हर्षिता सिंह और ट्विंकल चड्ढा शामिल हैं।
प्रो श्रीवास्तव के मुताबिक अध्ययन दल का नेतृत्व रूस के टॉम्स्क स्टेट विश्वविद्यालय के डॉ. रिचर्ड अर्न्सट कर रहे हैं। उनके सहयोगी कनाडा की कार्ल्टन यूनिवर्सिटी के डॉ. हाफिदा एल बिलाली और अमेरिका के ब्राउन विश्वविद्यालय के डॉ. जेम्स हेड हैं। उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण अध्ययन में भारत से सिर्फ बीएचयू के शोधकर्ता शामिल हैं। उन्होंने यह भी बताया कि शुक्र ग्रह आकार और अंदरूनी बनावट में अपनी धरती से काफी कुछ मिलता जुलता है। वैसे बाकी मामलों में काफी अंतर है।
सबसे बड़ा अंतर वायुमंडल में है। शुक्र ग्रह पर टैक्टोनिक प्लेट पद्धति नहीं है। इसके वातावरण में कार्बन डाई ऑक्साइड की मात्रा 96 फीसदी है, जो पृथ्वी की तुलना में 90 गुना ज्यादा है। शुक्र ग्रह का सतही तापमान 450 डिग्री सेलिस्यस है। इसका मतलब वहां पानी या जीवन के कोई अन्य लक्षण नहीं होंगे।