वाराणसी। बीएचयू के कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने कहा है कि हिन्दी को और सशक्त करने के लिए आवश्यकता है कि इस भाषा के विद्वान इसे और अधिक व्यवहारिक व तकनीक अनुकूल बनाने के लिए नई पद्धतियां व तौर-तरीके विकसित करें। वह विश्वविद्यालय के केन्द्रीय कार्यालय में मंगलवार को आयोजित राजभाषा प्रकोष्ठ की ओर से आयोजित हिन्दी पखवाड़ा 2022 के पुरस्कार वितरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय के विद्वानों को इस दिशा में पहल करनी चाहिए, ताकि ऐसे नए तरीके ईजाद हो सकें, जो न सिर्फ विश्वविद्यालय में अपितु पूरे देश में हिन्दी के और अधिक प्रसार व प्रोत्साहन में मदद करें। उन्होंने कहा कि चाहे भारत हो या देश के बाहर, बड़ी संख्या में लोग हिन्दी सीखना चाहते हैं। ऐसे लोगों के लिए प्रयोग में सरल व प्रभावी प्रोग्राम विकसित करने की ज़रूरत है। उन्होंने सुझाव दिया कि राजभाषा के प्रोत्साहन की प्रतियोगिताओं के आयोजन को हिन्दी पखवाड़ा तक ही सीमित न रखा जाए बल्कि इसका दायरा बढ़ाने पर विचार होना चाहिए, ताकि हिन्दी में कामकाज को सतत रूप से प्रोत्साहन मिलता रहे। उन्होंने कहा कि इन प्रतियोगिताओं में विश्वविद्यालय के सभी वर्गो की प्रतिभागिता सुनिश्चित की जानी चाहिए। प्रो. जैन ने कहा कि विश्वविद्यालय में हिंदी का उपयोग लगातार बढ़ रहा है, फिर भी विश्वविद्यालय की गरिमा के अनुरूप इसका दायरा विस्तारित करते हुए इसे और व्यापक रूप देने की आवश्यकता है, जिससे बीएचयू अन्य संस्थानों के लिए एक मिसाल के तौर पर स्थापित हो सके।
कुलसचिव प्रो. अरुण कुमार सिंह ने हिन्दी दिवस 2022 पर देशवासियों के नाम गृह मंत्री अमित शाह के संदेश का वाचन किया। हिन्दी अधिकारी डॉ. विचित्रसेन गुप्त ने राजभाषा प्रकोष्ठ के प्रमुख कार्यों की चर्चा की।
कुलपति ने हिन्दी पखवाड़ा के अवसर पर आयोजित हिंदी निबंध प्रतियोगिता, कार्यालयी अनुवाद प्रतियोगिता, हिंदी पत्राचार एवं टिप्पण लेखन प्रतियोगिता, राजभाषा प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता तथा हिंदी टंकण प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। राजभाषा प्रकोष्ठ द्वारा विश्वविद्यालय में हिंदी में उत्कृष्ट कार्य करने वाले दस कार्मिकों को भी पुरस्कृत किया गया। राजभाषाई निरीक्षण के आधार पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले पांच कार्यालयों को भी कुलपति ने पुरस्कृत किया। विश्वविद्यालय में हिन्दी में श्रेष्ठ कार्य करने के लिए मुख्य आरक्षाधिकारी कार्यालय को राजभाषा वैजयंती 2022 पुरस्कार प्रदान किया गया।
इस अवसर पर कुलगुरु प्रो. वीके शुक्ला, प्रबंध शास्त्र संस्थान के निदेशक, संकाय प्रमुख, मुख्य आरक्षाधिकारी, वित्ताधिकारी डॉ. अभय कुमार ठाकुर, संयुक्त कुलसचिव संजय कुमार, उपकुलसचिव वेणु गोपाल, मुख्य ग्रंथालयी, प्रो. चम्पा सिंह उपस्थित रहे। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. सुमिल तिवारी ने प्रेषित किया। कार्यक्रम में रमेश कुमार, अंशुमान पटेल, रागिब हुसैन, त्रिलोकी सिंह, पंकज कुमार, कैलाश इत्यादि ने सहयोग किया।