वाराणसी। संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार एवं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र की ओर से संचालित आजादी के अमृत महोत्सव के तहत बीएचयू के राजनीति विज्ञान विभाग एवं भारतीय शिक्षण मंडल ने संयुक्त रूप से ‘ रिमेंबरिंग द पार्टीशन ’ नामक एक दिवसीय सेमिनार बुधवार को आयोजित किया।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि रामाशीष ने राजनीति और इतिहास का समन्वय करते विभाजन के दौरान विस्थापन की त्रासदी के तथ्यों को दर्शाया। साथ ही आह्वान किया कि विभाजन की तथ्यपरकता के लिए अंतर्विषयक समझ ज़रूरी है। मुख्य वक्ता दिशा कंसलटेंट के निदेशक प्रशांत पोल ने विभाजन के ऐतिहासिक पक्ष को प्रस्तुत किया। विभाजन की त्रासदी और अन्याय का उन्होंने जिक्र किया। इतिहास के कई अनकहे पहलू उन्होंने सामने रखे। उल्लेखनीय है कि प्रशांत पोल द्वारा लिखित पुस्तक, ‘वो पद्रह दिन’ से भी दर्शकों को परिचित कराया गया। पुस्तक विभाजन की स्मृतियों का संस्मरण प्रस्तुत करती है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता सामाजिक विज्ञान संकाय प्रमुख प्रो. एके जोशी ने की। उन्होंने सामाजिक परिप्रेक्ष्य से विभाजन संबंधी मुद्दों की जटिलता को दर्शकों को समक्ष रखा। स्वागत वक्तव्य राजनीति विज्ञान विभाग कि विभागाध्यक्ष प्रो. शुभा राव ने दिया।
आजादी के समय पाकिस्तान के डेहरा इस्माइल खां से भारत में आए, वर्तमान में सिगरा निवासी वेद प्रकाश सचदेव और ओम प्रकाश तनेजा ने भी कार्यक्रम में शिरकत की। उन्होंने विभाजन के दौर की अपने जीवित अनुभव और मार्मिक स्मृतियों को साझा किया। धन्यवाद ज्ञापन भारतीय शिक्षा मण्डल के काशी प्रांत के संयोजक डॉक्टर संतोष सिंह ने किया। संचालन राजनीति विज्ञान विभाग के प्रो. तेज प्रताप सिंह ने किया।