वाराणसी। सिविल सेवा में आचार वस्तुनिष्ठ नहीं होता अपितु समय व परिस्थिति के अनुसार बदलता व निर्धारित होता है। आचार एक सामाजिक और सत्यनिष्ठा व्यक्तिगत धारणा है।
बीएचयू के राजनीति विज्ञान विभाग की ओर से बुधवार को “सिविल सेवा में आचार और सत्यनिष्ठा(एथिक्स एंड इंटीग्रिटी इन सिविल सर्विसेज)” विषय पर आयोजित वर्चुअल व्याख्यान में यह बात जम्मू-कश्मीर के रामबन रेंज के डीआईजी डॉ. सुनील गुप्ता ने कही। उन्होंने ने कहा कि उत्तरदायित्व व लोकहित को सुनिश्चित करने के लिए हमें इन दोनो की आवश्यकता होती है। उन्होंने बताया कि सामान्यतः और विशेषकर सिविल सेवा में आचार और सत्यनिष्ठा की प्रासंगिकता क्या है। पुलिस सेवा में होने वाली नैतिक दुविधाओं पर भी उन्होंने प्रकाश डाला व खुद के अनुभवों द्वारा वस्तुस्थिति को अधिक स्पष्ट करने का प्रयास किया।
आरंभ में डॉ. गोविंद इनखिया ने मुख्य वक्ता का परिचय दिया व उनका स्वागत किया। कार्यक्रम के दूसरे भाग में प्रश्न उत्तर सत्र का संचालन डॉ. श्रुति दूबे ने किया, जिसमे डॉ. गुप्ता ने सहभागी छात्रों के अनेक प्रश्नों का समुचित उत्तर दिया। अध्यक्षता विभागाध्यक्ष प्रो. शुभा राव ने की। धन्यवाद ज्ञापन प्रो. अभिनव शर्मा ने किया।