वाराणसी। बीएचयू के पर्यावरण एवं धारणीय विकास संस्थान के डॉ.जयप्रकाश वर्मा मिट्टी की गुणवक्ता और उत्पादकता पर अध्ययन करने ब्राजील जाएंगे। वहां वह फेडरल यूनिवर्सिटी ऑफ सेरा के मृदा विज्ञान विभाग के प्रो. आर्थर पीडी अरुजो परेरा के साथ काम करेंगे।
इस अध्ययन के लिए डॉ. शर्मा का चयन वर्ष 2022-23 के लिए भारत सरकार के इंजीनियरिंग की ओर से अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान अनुभव के लिए किया गया है। उन्हें इसकी फेलोशिप दी गई है, जो छह महीने के लिए है। वह अगस्त 2022 से जनवरी 2023 तक ब्राजील में रहकर काम करेंगे। इस अध्ययन का उद्देश्य उत्पादकता और मिट्टी के स्वास्थ्य को बढ़ाने के लिए फेजोलस वल्गरिस (एल) माइक्रोबायोम से एक नया माइक्रोबियल उत्पाद विकसित करना है। इस कार्यक्रम के तहत, वह यह समझने का प्रयास करेंगे कि ब्राजील और भारत में उत्पादकता, पोषण गुणवत्ता और मिट्टी के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए न्यूट्रास्युटिकल्स के रूप में एक नया बायोएक्टिव उत्पाद विकसित करने के लिए बीन के माइक्रोबायोम का उपयोग कैसे किया जाता है। इसका उपयोग प्रत्यक्ष माइक्रोबियल कल्चर और इसके उत्पाद के रूप में मिट्टी, बीज और फोलियर के रूप में किया जाएगा। यह मृदा जनित फाइटोपैथोजेन्स के खिलाफ पौधों की प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाएगा। निदेशक प्रो. एएस रघुबंशी और डीन एवं हेड प्रो. आरके मल ने डॉ. वर्मा को इस प्रतिष्ठित एसआईआर-फेलोशिप के पुरस्कार के लिए बधाई दी।