वाराणसी। बीएचयू ने डॉ. अंबेडकर उत्कृष्टता केन्द्र के तहत सिविल सेवा परीक्षा के लिए अनुसूचित जाति के अभ्यर्थियों को निःशुल्क कोचिंग आरंभ कर दी है। भारत सरकार के सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय की इस योजना के अंतर्गत 100 अभ्यर्थियों का चयन किया गया है, जिन्हें सिविल सेवा परीक्षा (प्रारंभिक व मुख्य) 2023 के लिए तैयारी कराई जाएगी।
मालवीय मूल्य अनुशीलन केन्द्र में निःशुल्क कोचिंग के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने सिविल सेवा परीक्षा अभ्यर्थियों का आह्वान किया कि वे इस पहल का भरपूर लाभ उठाएं व कड़ी मेहनत करें। उन्होंने कहा कि यह केन्द्र केवल प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोचिंग ही नहीं देगा, बल्कि विद्यार्थियों को भविष्य के लिए तैयार करेगा। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी स्वयं को सिर्फ किताबी ज्ञान अर्जित करने तक ही सीमित न रखें, बल्कि अपने व्यक्तित्व निर्माण व जीवन कौशल को विकसित करने पर भी कार्य करें।
कुलपति ने कहा, “हम चाहते हैं कि आप परीक्षा में तो सफल हों ही, जीवन में भी सफलता के नए आयाम हासिल करें, इससे विश्वविद्यालय भी गौरवान्वित होगा कि आपकी प्रगति की यात्रा में इसका भी योगदान रहा है। ” प्रो. जैन ने कहा कि सफलता को केवल किसी परीक्षा में अच्छे अंक लाने अथवा किसी पद पर आसीन होने से ही नहीं आंका जा सकता, बल्कि हम समाज, समुदाय व देश को क्या दे रहे हैं, यह भी सफलता का एक महत्वपूर्ण पैमाना है। कुलपति ने विश्वास जताया कि डॉ अंबेडकर उत्कृष्टता केन्द्र न सिर्फ सिविल सेवा परीक्षा के लिए कोचिंग उपलब्ध कराएगा बल्कि विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रस्तावित विचारों व सुझावों को अपने कामकाज में भी उतारेगा। उन्होंने उत्कृष्टता केन्द्र योजना के सफल व समयबद्ध क्रियान्वयन के लिए समन्वयक प्रो. आरएन खरवार के नेतृत्व में पूरी टीम की सराहना की व उन्हें बधाई दी।
कुलसचिव प्रो. अरुण कुमार सिंह ने कहा कि डॉ. अंबेडकर उत्कृष्टता केन्द्र को लेकर जिस गति व गुणवत्ता के साथ विश्वविद्यालय ने कार्य किया है, उसकी चारों ओर सराहना हो रही है। उन्होंने कहा कि चयनित अभ्यर्थियों को विश्वविद्यालय में विषय विशेषज्ञ शिक्षकों, उत्प्रेरकों, अपने क्षेत्र के दिग्गजों व वरिष्ठ नौकरशाहों से संवाद का अवसर प्राप्त होगा। इससे वे प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए आवश्यक कौशल को विकसित कर पाएंगे।
परीक्षा नियंता प्रो. एसके उपाध्याय ने कहा कि महामना की कर्मभूमि बीएचयू में इस महत्वपूर्ण नई शुरुआत का होना अत्यंत प्रसन्नता व उत्साह का विषय है। उन्होंने कहा कि चाहे प्रवेश परीक्षा हो, परिणाम हो अथवा काउंसिलिंग, केन्द्र की टीम ने दिन रात मेहनत की, जिसका नतीजा आज कक्षाओं के आरंभ के रूप में हम सब के सामने है। उन्होंने सभी अभ्यर्थियों को सफलता के लिए शुभकामनाएं प्रेषित कीं।
स्वागत करते हुए डॉ. अंबेडकर उत्कृष्टता केन्द्र के समन्वयक प्रो. आरएन कहा कि भारत सरकार के सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय द्वारा आरंभ की गई इस योजना के लिए विश्वविद्यालय उत्तम सुविधाएं व सहयोग उपलब्ध करा रहा है। अब ये अभ्यर्थियों की ज़िम्मेदारी है कि वे पूरी लगन व दृढ़ निश्चय के साथ तैयारी करें व सफलता की ओर अग्रसर हों।
उद्घाटन कार्यक्रम में विभिन्न संस्थानों के निदेशक, संकाय प्रमुख, विभागाध्यक्ष, शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी तथा बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे। मंचकला संकाय की प्रो. संगीता पंडित ने कार्यक्रम का संचालन किया। डॉ. अंबेडकर उत्कृष्टता केन्द्र में सहायक कुलसचिव रमेश निगम ने सूचित किया कि कक्षाएं विश्वविद्यालय स्थित यूजीसी-एचआरडीसी केन्द्र में संचालित की जा रही हैं।
डॉ. अंबेडकर उत्कृष्टता केन्द्र योजना की राष्ट्रव्यापी शुरुआत इस वर्ष अप्रैल माह में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से ही की गई थी। बीएचयू उन केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में शामिल है, जहां यह केन्द्र स्थापित किया गया है। इसके लिए विश्वविद्यालय तथा डॉ. अंबेडकर प्रतिष्ठान, नई दिल्ली, के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी किये गए थे।