वाराणसी। जीवन में हमेशा अच्छे अनुभवों को साथ लेकर चलना चाहिए। खराब या बुरे अनुभवों को इनपर बिल्कुल भी तवज्जो न दें। साथ ही नकारात्मक भावनाओं से बचने की बजाय उन्हें स्वीकार करके परिस्थितियों को ठीक करना चाहिए। आपके मन में जो चल रहा है, पहले उसके प्रति जागरूक बनें। उसपर गौर करें। यह नहीं कि जैसा मन में विचार आया, वैसा ही काम कर दिया।
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर सोमवार को बीएचयू के करियर विकास केंद्र की ओर से आयोजित “मेंटल हेल्थ मैटर्स” कार्यशाला में विशेषज्ञों ने ये बातें कहीं। “माइंडफुलनेस बेस्ड स्ट्रेटेजीज फॉर करियर सक्सेस” पर मनोविज्ञान विभाग के डॉ. तुषार सिंह ने विचार रखे। उन्होंने बताया कि माइंडफुलनेस वर्तमान क्षण में केंद्रित जागरूकता की स्थिति हैं, जो मन को भविष्य और अतीत दोनों से दूर रखता हैं। माइंडफुल स्टेट में प्राप्त जागरूकता आपको अपनी भावनाओं को अधिक स्पष्ट रूप से महसूस करने और समझने की अनुमति देती है। यह आपकी भावनात्मक बुद्धिमत्ता को टर्बो-चार्ज करता है, क्योंकि यह आत्मजागरूकता को बहुत बढ़ाता है। डॉ. तुषार सिंह ने कार्य स्थल पर सफलता हेतु विभिन्न प्रकार माइंडफुलनेस अभ्यास के बारे में भी बताया।
कार्यक्रम की आधारशिला छात्र अधिष्ठाता प्रो. अनुपम कुमार नेमा रखते हुए मानसिक स्वास्थ्य के करियर कि सफलता में योगदान के बारे में बताया। उन्होंने छात्रों को मानसिक स्वास्थ्य के लिए सदैव सकारात्मक सोच एवं आत्म विश्वास को विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम का संयोजन, संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन विश्वविद्यालय के छात्र परामर्शदाता नित्यानंद तिवारी ने किया। कार्यशाला के दौरान आलोक मिश्र एवं संजय यादव उपस्थित रहे।