वाराणसी। जाने माने चित्रकार डॉ. सुनील कुमार विश्वकर्मा ने कहा कि दूसरे के काम की अच्छाई और अपने काम की कमी का आकलन करके ही खुद में सुधार या विकास किया जा सकता है।
राज्य ललित कला अकादमी एवं बीएचयू के महिला महाविद्यालय की ओर से आयोजित 20 दिवसीय कार्यशाला के 17वें दिन शुक्रवार को उन्होंने कहा कि कला साधना के लिए निरंतर प्रयास करते रहें, जिसके माध्यम से आपकी कला साधना श्रेष्ठता को प्राप्त करती है।
डॉ. विश्वकर्मा ने पोट्रेट के बारे में प्रतिभागियों को समझाया। तैल रंग माध्यम में व्यक्ति चित्रों पर प्रकाश डाला और सुंदर पोट्रेट का चित्रण किया। प्रतिभागियों के प्रश्नों का उत्तर भी दिया।
इस कार्यशाला में विभिन्न विषयों पर डेमो निरंतर चल रहे हैं। कलाकार श्रीनाथ विश्वकर्मा, संजीत मिंज, योगेश रवि, अदिति रमन अजय प्रकाश, सीखा रावत, डॉ सुनील कुमार सिंह कुशवाहा अबतक डेमो दे चुके हैं। यह कार्यशाला 20 जून तक चलेगी। 21 जून को इस कार्यशाला का समापन एवं प्रदर्शनी का उद्घाटन किया जाएगा