वाराणसी। बनारस के लिए समग्र जल प्रबन्धन योजना तथा गंगा व उसकी सहायक नदियों के पर्यावरणीय प्रबन्धन की चुनौतियों पर विचार-विमर्श के लिए गुरुवार को डेनमार्क के आठ सदस्यीय प्रतिनिधिमण्डल ने बीएचयू के स्वतंत्रता भवन स्थित सीनेट हाल में नदियों व पर्यावरण प्रबन्धन से सम्बन्धित बीएचयू एवं आईआईटी बीएचयू के विभिन्न विभागों के शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं से संवाद किया। प्रतिनिधिमण्डल का नेतृत्व डेनमार्क विकासात्मक सहयोग तथा नोर्डिक कोआपरेशन मंत्री फ्लेमिंग मोलर मोर्टेन्सन कर रहे थे।
संवाद के आरम्भ में पर्यावरण एवं धारणीय विकास संस्थान के निदेशक प्रो. एएस रघुवंशी ने बीएचयू द्वारा जल प्रबन्धन में हो रहे शोध कार्यों के सम्बन्ध में संक्षेप जानकारी दी । इसके पश्चात् वाराणसी में गंगा एवं सहायक नदियों वरुणा एवं असि की वर्तमान स्थिति तथा नमामि गंगे पर आधारित एक लघु चलचित्र दिखाया गया। वाराणसी के मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने बताया कि भारत सरकार व राज्य सरकार द्वारा नदियों के प्रबन्धन की दिशा में शुरू कार्यक्रमों को क्रियान्वित किया जा रहा है। नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा के महानिदेशक जी अशोक कुमार ने भारत सरकार द्वारा अब तक जल एवं नदियों के प्रबन्धन के क्षेत्र में उठाये गये सकारात्मक कार्यों का विवरण प्रस्तुत किया।
डेनमार्क की कन्सल्टेंसी कम्पनी रेम्बोल द्वारा प्रोजेक्ट अरबन लीविंग लैब के अन्तर्गत रेम्बोल्स नालेज प्राडक्ट का शुभारम्भ (लांचिंग) किया गया। इस प्रोजेक्ट से नदियों एवं जल के संरक्षण एवं संवर्धन में सहायता मिलेगी। प्रतिनिधिमण्डल ने नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा के सहयोगी वालिण्टियर खासकर गंगादूत, गंगामित्र, गंगा प्रहरी तथा जलज द्वारा लगायी गयी प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
डेनमार्क के मंत्री फ्लेमिंग मोलर मोरटेन्सेन ने वरुणा नदी के पुनरुद्धार के लिए डेनमार्क की ओर से हर सम्भव सहयोग देने का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि नदियों एवं जल के प्रबन्धन में शीघ्र ही एक पायलट प्रोजेक्ट आरम्भ किया जाएगा।
कार्यक्रम का संचालन, स्वागत उद्बोधन एवं धन्यवाद ज्ञापन पर्यावरण एवं धारणीय विकास संस्थान के निदेशक प्रो. एसएस रघुवंशी ने दिया तथा संस्थान के वर्तमान डीन प्रो. आरके मल्ल एवं पूर्व डीन प्रो. जीएस सिंह ने तथा पूर्व निदेशक प्रो. कविता शाह ने पुष्प गुच्छ से प्रतिनिधिमण्डल का स्वागत किया । इस अवसर पर आईआईटी तथा बीएचयू के पर्यावरण प्रबन्धन से सम्बन्धित शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं ने प्रतिनिधिमण्डल से प्रश्न किये, जिनका विशेषज्ञों ने उत्तर दिया। प्रतिनिधिमण्डल में भारत में डेनमार्क के राजदूत फ्रेडी स्वेन, विदेशी मामलों के संसदीय सचिव जेपे ट्रेनहोम सिकेलसेन, विकास नीति के मंत्री स्टीफेन शोनेमेन, एना ब्रोस्टम, थोर्लिफ रेनबैक, एंडर्स पेडर बॉटकर, अनिता के. शर्मा के अलावा आईआईटी बीएचयू सिविल इन्जीनिरिंग के वरिष्ठ आचार्य प्रो. पीके सिंह तथा इण्टरनल क्वालिटी एश्योरेंस सेल (आईक्यूएसी) के वाईस चेयरमैन प्रो. वीके सिंह मौजूद थे।