वाराणसी। आचार्य ईशान शिवानंद ने कहा है कि विद्यार्थियों में चिंता व अवसाद जैसे मानसिक स्वास्थ्य के विषय आम हो गए हैं। ऐसे में शैक्षणिक संस्थानों को विद्यार्थियों को इन से निपटने के लिए प्रभावी तरीके अपनाने होंगे। वह बीएचयू के विद्यार्थियों से “करियर विकास व सुखी रहने के लिए मानसिक स्वास्थ्य की भूमिका” विषय पर सोमवार को संवाद कर रहे थे।
करियर गाइडेंस व काउंसिलिंग प्रकोष्ठ तथा प्लेसमेंट सेल, कृषि विज्ञान संस्थान, के सहयोग से यूनिवर्सिटी प्लेसमेंट कोऑरडिनेशन सेल द्वारा आयोजित इस संवाद में बड़ी संख्या में छात्र व छात्राएं सम्मिलित हुए तथा उन्होंने अपनी शंकाओं के समाधान के लिए प्रश्न पूछे। ईशान शिवानंद जाने माने प्रेरणादायक वक्ता हैं तथा योग ऑफ इम्मॉर्टल्स के संस्थापक भी हैं। उन्होंने उन तमाम विषयों पर विद्यार्थियों के साथ विस्तार से बात की, जो मानसिक स्वास्थ्य में बाधक बनते हैं। उन्होंने कहा कि पढ़ाई व करियर में अच्छा प्रदर्शन करने व अच्छी नौकरी पाने के दबाव तथा अव्यवस्थित जीवन शैली जैसे अनेक कारणों से विद्यार्थी शारीरिक व मानसिक स्तर पर अनेक समस्याओं का सामना करते हैं।
ईशान शिवानंद ने कहा कि लोग, विशेषरूप से विद्यार्थी, भीतर ही भीतर अनेक चिंताओं व दुविधाओं से संघर्षरत रहते हैं, जो उन्हे काफी परेशान करती हैं। लेकिन वे इसे छिपाते रहते हैं। इसकी वजह से एक स्थिति ऐसी भी आती है जब वे सहन नहीं कर पाते। यह स्थिति काफी मुश्किल व नुकसानदायक हो सकती है। ईशान शिवानंद ने विद्यार्थियों को ऐसे तरीकों के बारे में अवगत व सक्षम बनाने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया, जिससे वे मानसिक स्वास्थ्य की चुनौतियों से बेहतर ढंग से जूझ पाएं व शारीरिक व मानसिक दोनो तरह से स्वस्थ रहें। उन्होंने कहा कि हालांकि मानसिक स्वास्थ्य के विषय पर उच्च प्राथमिकता के साथ कार्य करने की आवश्यकता है, लेकिन इस बारे में अभी भी काफी कुछ किया जाना बाकी है।
ईशान शिवानंद ने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वे विषम परिस्थितियों से भी धैर्य से निपटने की क्षमता विकसित करें, इससे वे जीवन में बेहतर ढंग से आगे बढ़ पाएंगे। उन्होंने विद्यार्थियों से स्वस्थ व व्यवस्थित जीवनशैली अपनाने की अपील की ताकि वे सुखी व सफल जीवन की ओर अग्रसर हों।
शताब्दी कृषि प्रेक्षागृह में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कृषि विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. यशवंत सिंह ने कहा कि विद्यार्थियों में मानसिक स्वास्थ्य के विषय पर गंभीरता से ध्यान देने की अत्यंत आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस विषय पर भारतीय प्राचीन ज्ञान परम्परा में भी विशेष ज़ोर दिया गया है।
यूनिवर्सिटी प्लेसमेंट कोऑर्डिनेशन प्रकोष्ठ के समन्वयक प्रो. वीके चन्दोला ने धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों का उद्देश्य विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास है, जिससे वे अपने करियर व भविष्य की चुनौतियों के लिए बेहतर ढंग से तैयार हो पाएं। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के हित में ईशान शिवानंद के कई व्याख्यान आयोजित किये जा रहे हैं।