वाराणसी। बीएचयू एक ऐसी संस्था है जो अपने छात्रों के विकास के लिए तमाम प्रकार के संसाधन उपलब्ध करवाती है।अपने छात्रों में सकारात्मक सोच का निर्माण करना बीएचयू की शिक्षा के केंद्र में है।
यह बात विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र और अमेरिका के टेक्सास ए ऐंड एम विश्वविद्यालय में केमिकल इंजीनियरिंग के आचार्य प्रो. केशव प्रसाद शुक्ल ने बुधवार को भोजपुरी अध्ययन केंद्र में आयोजित सम्मान समारोह में कही। उन्होंने कहा कि यह संस्था वैज्ञानिक बोध विकसित करने के साथ ही सांस्कृतिक मूल्य व सामाजिक दायित्व के प्रति जागरूक करती है। बीएचयू का हर छात्र अपने भीतर महामना के सपनो को जिलाये रखता है। उन्होंने छात्रों से कहा कि बाहर जाएं, क्योंकि व्यक्तित्व के विकास में विस्थापन जरूरी होता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए रेक्टर प्रो. वी.के. शुक्ल ने कहा कि बीएचयू का हर छात्र महामना के सपनों को साकार करने वाला होता है। उन्होंने कहा कि बीएचयू के पूर्व छात्रों को विदेश में भारत की सांस्कृतिक समझ को सही ढंग से प्रस्तुत करने में मदद करनी चाहिए। उन्होंने प्रो शुक्ल से आग्रह किया कि वे बीएचयू की आर्थिक व वैचारिक मदद करने की दिशा में अमेरिका में रह रहे बीएचयू के पूर्व छात्रों को प्रोत्साहित करें। कुलगुरु ने की। प्रो. शुक्ल को अंगवस्त्रम,सम्मान पत्र व बुके देकर सम्मानित किया है।सम्मान पत्र का वाचन डॉ. देवेंद्र मिश्र ने किया।
प्रतिष्ठित न्यूरो चिकित्सक प्रो विजय नाथ मिश्र ने कहा कि संवेदना का होना ही जीवन का धर्म है और बीएचयू का हर छात्र इस दिशा में जागरूक रहता है। भौतिकी विभाग ,बीएचयू के प्रो आँचल श्रीवास्तव ने कहा कि प्रो शुक्ल ने अमेरिका में रहकर भी विज्ञान को सरस ,रोचक व सामाजिक बनाने की दिशा में अच्छा कार्य किया है।
अतिथियों का स्वागत करते हुए भोजपुरी अध्ययन केंद्र के समन्वयक प्रो. श्रीप्रकाश शुक्ल ने कहा कि विस्थापन ज्ञान के साथ व्यक्तित्व को भी विस्तार देता है। अपने मूल से ममता तो होती है, लेकिन उससे चिपके रहने से विकास अवरुद्ध होता है। बुद्ध, कबीर, नानक, गांधी सभी इसी विस्थापन से बड़े हुए।
भोजपुरी केंद्र के अमर कृष्ण दीक्षित, आदित्य पांडेय,विनय खरवार, पंकज पटेल, अखिलेश्वर पांडेय, ऋषि पांडेय ने समन्वयक प्रो श्रीप्रकाश शुक्ल द्वारा लिखित गीत’कोइलिया जल्दी कूको न’ की सुंदर प्रस्तुति की। साथ ही शोध छात्रा अलका ने ‘मिर्जापुर कइल गुलजार हो’ नामक प्रसिद्ध कजरी की प्रस्तुति दी। शोध छात्र विनय खरवार ने ‘खिंचे लागल अब बकईयाँ ए सईंयां’ गीत की मनोहारी प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. शिल्पा सिंह ने दिया।धन्यवाद ज्ञापन शोध छात्र उदय पाल ने दिया।इस अवसर पर प्रो सरफराज आलम, प्रो चम्पा सिंह, डॉ. महेंद्र कुशवाहा,डॉ. देवेंद्र मिश्र, डॉ. प्रभात मिश्र, डॉ. रवि सोनकर,डॉ विंध्याचल यादव उपस्थित रहे।